:राजकुमार मल:
भाटापारा- 100 रुपए का 500 ग्राम। स्वीकार कर रहा है उपभोक्ता, ऑर्गेनिक गुड़ की यह कीमत। खरीदी में बड़ी हिस्सेदारी ऐसे उपभोक्ताओं की है, जो मधुमेह के रोगी हैं। इसलिए मांग और कीमत लगातार बढ़त की ओर है।
गुड़ आगे, शक्कर पीछे। बीते दो साल से यह नया बदलाव गुड़ बनाने वालों की न केवल संख्या बढ़ा रहा है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी दे रहा है। इसलिए बालोद, कवर्धा, बेमेतरा, दुर्ग और सरगुजा जिले में गुड़ बनाने वाली छोटी ईकाइयां हर साल बढ़ रहीं हैं।

रुझान ऑर्गेनिक गुड़ की ओर
पाउडर के रूप में भी आने लगा है गुड़। ऑर्गेनिक गुड़ के नाम से बिक रहा यह गुड़ 500 ग्राम के पैक में 100 रुपए में मांग में बढ़त की ओर है। खरीदी करने वालों में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा है, जो मधुमेह के रोगी हैं। इसके अलावा सेहत को लेकर जागरूक लोगों की खरीदी भी निकली हुई है।

कीमत इनकी भी ज्यादा
लोकल गुड़ 40 रुपए किलो पर रहकर कीमत के मामले में सबसे सस्ता है लेकिन मांग में यूपी का गुड़ सबसे आगे है जिसकी कीमत, 50 से 65 रुपए किलो पर मजबूत है। मांग में हमेशा से रहता आया है महाराष्ट्र का गुड़ लेकिन 55 से 75 रुपए किलो जैसी कीमत पीछे रहने के लिए विवश किए हुए हैं। पहली बार छत्तीसगढ़ में 50 से 65 रुपए किलो जैसी कीमत के साथ मध्य प्रदेश के गुड़ ने प्रवेश किया है। प्रतिसाद खूब मिलने की संभावना है।
डिमांड कमजोर शक्कर की
शक्कर 45 से 50 रुपए किलो। गुड़ से सस्ता ही है लेकिन मांग लगभग आधी रह गई है। यह स्थिति तब देखी जा रही है, जब सीजन चल रहा है। डिमांड और घटने की आशंका इसलिए बनी हुई है क्योंकि शक्कर के सेवन को लेकर उपभोक्ता सतर्कता ज्यादा बरत रहे हैं। खरीदी का स्तर सामान्य इसलिए बना हुआ है क्योंकि काॅफी और टी कार्नरों के अलावा स्वीट कार्नरों की मांग बनी हुई है लेकिन यहां भी शक्कर का उपयोग धीमे-धीमे कम होने की खबर है।
