:संजय सोनी:
भानुप्रतापपुर। मेसर्स जायसवाल निको इंडस्ट्रीज लिमिटेड की मेटाबोदेली–चारगांव लौह अयस्क खदान में पर्यावरण संरक्षण तथा खनिज संसाधनों के सतत् उपयोग के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस वर्ष भी भारतीय खान ब्यूरो, रायपुर के तत्वावधान में संचालित 9वाँ खान पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह दिनांक 10 से 15 नवंबर तक मनाया गया। सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम में पर्यावरणीय संवेदनशीलता, खनिजों के वैज्ञानिक दोहन, सुरक्षा मानकों के अनुपालन तथा हरित विकास को केंद्र में रखा गया।

कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के विभिन्न खदानों से आए निरीक्षण दल के सदस्यों —
डॉ. अजय प्रताप सिंह (सहायक महाप्रबंधक-जियोलॉजी अरासमेटा लाइमस्टोन खदान),
लिलेश्वर देशमुख (प्रबंधन, खनन),
तथा नारिंगा चौधरी (उपप्रबंधक-खनन, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड) के द्वारा खदान क्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री प्रसन्ना कुमार (माइंस हेड), कृष्णकांत – खदान प्रबंधक, निरिक्षण टीम तथा विभिन्न विभागों के सदस्यों की उपस्थिति में हुई।
सप्ताह भर के कार्यक्रम के दौरान खनन क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं स्थानीय ग्रामीणों को पर्यावरणीय संतुलन के महत्व से अवगत कराया गया। प्रतिभागियों के लिए वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान, धूल नियंत्रण उपायों का प्रदर्शन, तथा खनन से उत्पन्न अपशिष्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने पर्यावरण संरक्षण से संबंधित नियमों, तकनीकी सुधारों और नवीन अनुसंधानों की जानकारी भी साझा की।
इस अवसर पर खदान में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं श्रमिकों ने यह संकल्प लिया कि खनिज संपदा का दोहन पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप, जिम्मेदारीपूर्ण और सतत् विकास की भावना के साथ किया जाएगा। साथ ही स्थानीय समुदायों के सहयोग से हरित पहलों को आगे बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
कार्यक्रम के समापन पर उत्कृष्ट पर्यावरणीय कार्यों हेतु प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। आयोजन समिति ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि खनिज संरक्षण एवं पर्यावरण सुरक्षा केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह की यह पहल न केवल जन-जागरूकता को बढ़ावा देती है, बल्कि एक हरित, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होती है।