धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था देख विधायक सावित्री मंडावी हुई नाराज… अधिकारियों को दिये निर्देश

कई किसानों का सोमवार को टोकन कटा है लेकिन खरीदी प्रारंभ नहीं होने के कारण किसान आक्रोषित नजर आये,अव्यवस्था को लेकर ब्लॉक के किसानों ने विधायक सावित्री मंडावी को इसकी सूचना दी, इसके बाद विधायक चारामा खरीदी केंद्र पहुंचे l विधायक श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी ने धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण कर अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिये । विधायक के पहुंचते ही खरीदी प्रभारी, नायब तहसीलदार और अन्य अधिकारी खरीदी केंद्र पहुंचे, विधायक के आक्रोश के बाद जैसे तैसे खरीदी शुरू हुई, हमाल नहीं होने के कारण किसानों को खुद ही गोदाम से बारदाना लाना पड़ा और खुद ही इलेक्ट्रॉनिक कांटा के ऊपर बोरा रखकर धान कि खरीदी प्रभारी की उपस्थिति में करनी पड़ी। लेकिन जिस व्यवस्था के तहत खरीदी होनी थी वैसे खरीदी नहीं हो पाई।

विधायक ने कहा कि इस सरकार में किसान धान के बीच खाद के लिए बेहद परेशान रहा और अब ध्यान खरीदी के लिए भी बहुत परेशान है, जब सहकारी समिति के कर्मचारी 3 नवंबर से हड़ताल पर थे तो सरकार को 15 नवंबर के पहले धान खरीदी के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी लेकिन 15 नवंबर के बाद भी किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई,

दूसरे विभाग के कर्मचारियों को खरीदी की जिम्मेदारी दे दी गई है, जीने धान खरीदी का कोई अनुभव नहीं है, और जो प्रभारी खरीदी के केंद्र के लिए बनाए गए हैं उन्हें किसी प्रकार का फण्ड नहीं दिया गया, जिससे पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जा पा रही है, और किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। जिन किसानों का टोकन कट चुका है, उनका समय पर धान खरीदी नहीं हो पा रही है, जिसे उन्हें अगले डेट के लिए भटकना पड़ेगा।


इस दौरान नरेन्द्र यादव पूर्व सदस्य गौ सेवा आयोग छत्तीसगढ़, नगर पंचायत अध्यक्ष भुनेश्वर नागराज, पार्षद कमलेश सेन, महेन्द्र नायक प्रदेश महासचिव एन‌एसयूआई आदि उपस्थित थे।

वहीं ग्राम आवरी के किसान पुरन जैन ने बताया कि ग्राम आवरी लेम्स में धान खरीदी अभी तक चालू नहीं हुआ है, किसान धान बेचने के लिए आन लाइन टोकन कटा लिए हैं, शासन 15 नवंबर से धान खरीदी चालू करना था अभी तक चालू नहीं हुआ किसान धान लेकर के लेंमसपहुंच गए थे लेकिन वहां कोई शासन की कोई आदमी नहीं थे,इसके बाद किसान अपना धन वापस घर ले गए पहले शासन जो है धान बुवाई के समय डीएपी ,यूरिया के लिए तरसते थे अब किसान धान बेचने के लिए तरस्त हो रहे हैं, यह सब गलतियां बार-बार हो रही, इसमें किसान चिंतित में है किसान चाह रहे हैं कि अब शासन से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।

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