Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – ‘विनोद जी स्वस्थ हैं’

सुप्रसिद्ध कवि, लेखक विनोद कुमार शुक्ल के स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारे मित्रों में, जान पहचान के लोगों में चिंता थी और सब उनके बारे में जानना चाह रहे थे । चूँकि मैं 26 से 30 अक्टूबर तक पिछले 5-6 दिनों से भोपाल में था। भोपाल में भी बहुत से मित्रों ने जान पहचान के लोगों ने और साहित्यिक सांस्कृतिक बिरादरी से जुड़े लोगों ने जिनमें प्रयाग शुक्ला हो चाहे या उदयन वाजपेयी , आनंद हर्षुल, भालचंद्र जोशी सभी ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता ज़ाहिर की ।

भोपाल में रमेश अनुपम के जरिए सूचना मिली फिर शास्वत और MMI अस्पताल में डॉक्टरों से बात हुई। रायपुर लौटने के बाद आज दोपहर में मैं विनोद जी के से मिलने गया वे अस्पताल के बिस्तर पर सोए हुए थे। सुधा भाभी और बेटी शाश्वत रूम में मौजूद थे उनसे काफी देर बातचीत हुई। इसी बीच विनोद जी नींद से जाग गये और फिर वह मुझे देखकर बहुत प्रसन्न हुए और फिर उनसे बहुत देर बातचीत हुई। इस बीच उनके अस्पताल की रूम नम्बर 314 की खिड़की जो उनके उपन्यास दीवार में खिड़की रहती थी उससे खिले हुए कदम के फूल दिखे। रूम में मौजूद वन्य जीव विशेषज्ञ और पारिवारिक मित्र मीतु गुप्ता ने विनोदजी से पूछा की क्या खिले हुए कदम के फूल ले आऊँ। विनोदजी ने कहा ले आओ। खिलेगा तो तो देखेंगे के रचयिता विनोदजी को अपने बगीचे की बहुत चिंता रहती है। मीतु गुप्ता तीन चार खिले हुए कदम का फूल लेकर आई और उनके सामने टेबल पर रख दिया। इस बीच में उनकी नातिन जो रायपुर के DPS स्कूल में 11 वी पढ़ती है अपनी माँ के साथ हेलमेट लिए रूम में दाखिल हुई । विनोद जी उसे देखकर प्रसन्न हुए और चिंता करके पूछने लगे की तुम गाड़ी चलाकर अकेले कैसे आ गई उसने बताया वो माँ के साथ आई है। नातिन से विनोदजी की बहुत दोस्ती है वह बताती है की अभी क्रिकेट का मैच आने वाला है, देखेंगे क्या, विनोदजी ने हामी भरी । बातचीत में पता चला कि उनकी और विनोद जी क्रिकेट और कबड्डी का मैच देखने में बहुत रूचि है और वे मिलकर मैच देखते हैं ।

विनोदजी के कुछ मेडीकल टेस्ट बाकी हैं डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनको दो-तीन दिन और रहना पड़ेगा। इस बीच में विनोद जी से मैंने पूछा आपकी इच्छा घर जाने की है तो मैं डॉक्टरों से पूछता हूँ। इसी बीच रमेश अनुपम आ गये और उन्होंने मजाक में कहा की सुभाष को यहां अस्पताल के सब लोग जानते हैं तो विनोद जी ने कहा कि अच्छा आपको जानते हैं तो उनसे कहो कि मेरे को डिस्चार्ज कर दे तो मैंने कहा हां ठीक है मैं उनसे बात करके आपको डिस्चार्ज करने कहता हूँ ।


दोस्तों विनोद जी ने अस्पताल में बिस्तर पर रहते हुए भी इंडिया टुडे के लिए जो उनका कुछ बचा हुआ लेखन था बेटे के सहयोग से पूरा किया। 21 तारीख को उनको ज्ञानपीठ पुरस्कार से यही रायपुर में सम्मानित किया जाएगा 1 जनवरी को विनोद जी 90 साल के हो जाएंगे। मैं विनोद जी से कहती हूँ कि हर साल की तरह हम आपका जन्मदिन धूमधाम से मनाएंगे। उन्होंने जब पूछा कि भोपाल में क्यों गए थे तो मैंने उन्हें बताया कि मैं अपना पेपर आज की जनधारा भोपाल से भी शुरू कर रहा हूं और आपको भोपाल भी चलना है, तो रमेश अनुपम में मजाक में कहा कि अब भोपाल में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है, सुभाष जी आपको हेलीकॉप्टर से ले जाएंगे तो इस तरह बहुत सी हल्की फुल्की हंसी मजाक पारिवारिक वातावरण में विनोद जी से बातचीत हुई।

कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी विनोद जी से मिलने पहुंचे थे और उन्होनें विनोद जी से मुलाकात की थी साथ रमन सिंह ने डॉक्टरों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। डॉक्टरों ने बताया की विनोद जी ठीक है कोई घबराने वाली बात नहीं है उनका इलाज में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

रमन सिंह ने डॉक्टरों से कहा अगर विनोद जी को दिल्ली शिफ्ट करना है तो उसकी व्यवस्था हो सकती है लेकिन डॉक्टरों ने कोई गंभीरता नहीं बताते हुए उन्हें ऐसा करने से मना किया। 1 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी फोन पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की।

विनोद जी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं अगर उनसे डॉक्टर रमन सिंह आकर मिलते हैं या प्रधानमंत्री उनसे और पंडवानी गायिका तीजन बाई से मोबाइल पर बात करते हैं और उनकी तबीयत के बारे में पूछते हैं तो इस पर भी कुछ लोगों सोशल मीडिया के माध्यम से यह आपत्ति करते है कि उन्होंने फोन पर बात क्यों किया ? यह तो प्रधानमंत्री जाने की उन्होंने तीजन बाई को विनोद जी के हाल-चाल क्यों लिए ? पर यदि कोई आदमी जो आपके देश का प्रधानमंत्री हो, पूर्व मुख्यमंत्री हो और आपको देखने आये , हालचाल पूछे तो क्या आप उससे बात करने से मना कर देंगे । यहां ,यह भी सवाल है हम हमारी वैचारिक सैद्धांतिक लड़ाइयां हो सकती हैं पर बहुत सारी जगह पर केवल विरोध के लिए विरोध दर्ज करें यह बात अच्छी नहीं है।

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