SIR: जिला निर्वाचन अधिकारी ने ली राजनीतिक दलों की बैठक

बैठक में कलेक्टर श्री भोसकर ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार देश के 12 राज्यों, जिनमें छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR-2026) की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और पारदर्शी बनाना है।

जारी कार्यक्रम के तहत 3 नवम्बर तक प्रशिक्षण कार्य, 4 नवम्बर 2025 से 4 दिसम्बर 2025 तक घर-घर जाकर बीएलओ द्वारा सत्यापन, 9 दिसम्बर 2025 को मतदाता सूची का प्रथम प्रकाशन, 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावा-आपत्ति दर्ज किया जाएगा। 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और सत्यापन तथा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस अवसर पर राजनैतिक दलों से आग्रह किया कि वे पुनरीक्षण के दौरान अपने बूथ स्तरीय एजेंटों के माध्यम से निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों को पूरा सहयोग दें, ताकि छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम सूची में जोड़े जा सकें और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील नायक ने बताया कि बी.एल.ओ, (बूथ स्तरीय अधिकारी) नए मतदाता को शामिल करने के लिए फॉर्म 6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे और मिलान/लिंकिंग (आधार से जोड़ना) में सहायता करेंगे। मतदाता को ई.एफ. (इलेक्टोरल फॉर्म) भरने में मदद करेंगे उसे एकत्र करेंगे और ई.आर.ओ./ए.ई.आर.ओ. को जमा करेंगे। प्रत्येक मतदाता के घर का कम से कम 3 बार दौरा करेंगे। मतदाता, विशेषकर शहरी मतदाता/अस्थायी प्रवासी, ई.एफ. ऑनलाइन भी भर सकते हैं। इसके अलावा बीएलओ मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित तथा एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करेंगे। गणना चरण के दौरान ई.एफ. के अलावा, ई.एफ. के साथ कोई अन्य दस्तावेज एकत्र करने की आवश्यकता नहीं है। ईआरओ/एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, छूटा नहीं है, और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल न हो।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील नायक ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता के लिए प्रत्येक पात्र मतदाता का नाम सही रूप से दर्ज होना आवश्यक है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों को परिगणना फॉर्म भरने और उसे निर्धारित समय में BLO को जमा कराने हेतु प्रेरित करें।

उन्होंने बताया कि SIR-2026 के प्रमुख उद्देश्य है कि मृत व्यक्तियों के नामों को सूची से हटाना। स्थायी रूप से निवास बदलने वालों के नाम हटाना। दो स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं का नाम निरस्त करना। अपात्र व्यक्ति का मतदाता सूची से नाम हटाना। शुद्ध एवं पारदर्शी मतदाता सूची का निर्माण कराना है।

श्री नायक ने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेज में मतदाताओं को BLO द्वारा परिगणना फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। फॉर्म भरने से पहले दो नवीनतम रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो (सफेद बैकग्राउंड सहित) तैयार रखना होगा। फॉर्म के साथ पहचान प्रमाण हेतु कम से कम दो मान्य दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, निवास प्रमाण पत्र, 10वीं अंक तालिका, सरकारी पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, या भूमि/गृह आवंटन प्रमाण पत्र आदि।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतदाताओं को उनकी जन्म तिथि के अनुसार श्रेणियों में विभाजित किया गया है 01/07/1987 से पूर्व जन्मे मतदाता (जन्म प्रमाण पत्र/ निवास प्रमाण पत्र) एक पहचान दस्तावेज आवश्यक है, 01/07/1987 से 02/12/2004 के मध्य जन्मे मतदाता स्वयं का एक व माता-पिता का एक दस्तावेज आवश्यक है, 02/12/2004 के बाद जन्मे मतदाता स्वयं, माता एवं पिता तीनों के दस्तावेज आवश्यक है।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यह प्रक्रिया न केवल मतदाता सूची को अद्यतन करेगी, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी सुदृढ़ करेगी।

विशेष गहन पुनरीक्षण की बैठक में उपस्थित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने निर्वाचन आयोग के इस अभियान का स्वागत किया और मतदाताओं को जागरूक करने में सहयोग देने की सहमति व्यक्त की।

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