हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज किया। देश की सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी एवं तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर होने के नाते यह उनका दूसरा लड़ाकू विमान अनुभव है। इससे पहले अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयरबेस से Sukhoi-30 MKI में उड़ान भरी थी।
राष्ट्रपति के एयरबेस पहुंचने पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि यह सॉर्टी भारतीय वायुसेना की आधुनिक क्षमताओं और तकनीकी उत्कृष्टता को प्रदर्शित करती है।
फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित राफेल सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। अंबाला एयरबेस इसकी प्रमुख स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का केंद्र है। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान राफेल ने आतंकवादी ठिकानों पर बेहद सटीक हमले कर अपनी मारक क्षमता साबित की थी।
राष्ट्रपति की यह उड़ान ऐसे समय में हुई है जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन विमानों की डील को मंजूरी मिल चुकी है – जिनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल हैं। यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।