रायपुर: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में एक नई गुफा — ‘ग्रीन गुफा’ की खोज की गई है।
यह गुफा प्राकृतिक संरचना और अनोखी हरी चमक के कारण चर्चाओं में है।
यहां पहले से मौजूद 11 गुफाओं में से केवल 3 ही पर्यटकों के लिए खुली थीं,
कुटुमसर, कैलाश और दंडक, अब यह चौथी गुफा हो सकती है.
जो पर्यटकों के लिए आकर्षण बनेगी.

टीम को 200 मीटर तक ही मिल सका रास्ता
वन विभाग की टीम ने गुफा में लगभग 200 मीटर तक प्रवेश किया, लेकिन अंदर पानी भराव होने से आगे बढ़ना संभव नहीं हो पाया। गुफा की छत 60 से 80 फीट ऊंची बताई जा रही है, बिल्कुल कुटुमसर गुफा की तरह।
क्या बनाता है ‘ग्रीन गुफा’ को खास?
- गुफा हरे रंग की चमक से जगमगाती दिखाई देती है
- लाइकेन (Lichen) नामक सहजीवी जीव की परत चट्टानों और छतों पर फैली हुई है
- यही लाइकेन गुफा को प्राकृतिक हरे रंग की पहचान देता है
- गुफा में बड़ी संख्या में स्टैलेक्टाइट्स (छत से लटकती चट्टानें) और
स्टैलेग्माइट्स (जमीन से ऊपर उठती चट्टानें) बनी हुई हैं - यह संरचनाएं चूना पत्थर से बनी बेहद नाजुक होती हैं

पर्यटन की तैयारी शुरू
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक नवीन कुमार ने बताया कि ग्रीन गुफा को पर्यटकों के लिए खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तकनीकी मंजूरी मिलते ही इसे खोला जाएगा। पहले से युनेस्को विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल कुटुमसर और कैलाश गुफाओं के बाद ग्रीन गुफा से पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।