इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यही दिन शरद ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा इस दिन सोलह कलाओं से युक्त होता है और इसे अमृत बरसाने वाला भी माना जाता है। मान्यता है कि चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने से धन, प्रेम और स्वास्थ्य में लाभ होता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारास का आयोजन किया था।
शरद पूर्णिमा तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12:24 बजे से शुरू होगी और 7 अक्टूबर सुबह 9:18 बजे तक रहेगी।
शरद पूर्णिमा पर भद्रा का समय
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन लगभग पूरे दिन भद्रा काल रहेगा। यह दोपहर 12:23 बजे से रात 10:53 बजे तक चलेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा काल में कोई शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए।
चंद्रमा के साए में खीर रखने का शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, रात 10:37 बजे से रात 12:09 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त रहेगा। इस दौरान भद्रा का समय रात 10:53 बजे तक होने के कारण, आप भद्रा काल से बचते हुए रात 10:53 बजे के बाद खीर रख सकते हैं।
शरद पूर्णिमा पर सावधानियां
- उपवास रखने वाले घर में जलाहार या फलाहार कर सकते हैं।
- परिवारजन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- मन में घृणा, द्वेष या अहंकार की भावना न रखें।
- शरीर शुद्ध और खाली रखने से चंद्रमा की अमृत वर्षा का अधिक लाभ प्राप्त होता है।
शरद पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है।