रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की रफ्तार तेज कर दी है। ईडी ने घोटाले से जुड़े आबकारी विभाग के करीब 30 अधिकारियों को समन जारी कर तलब किया है। इनमें वे अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। बीते तीन दिनों से ये अधिकारी ईडी दफ्तर पहुंचकर बयान दर्ज करा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ईडी और ईओडब्ल्यू/एसीबी को मुख्य चालान पेश करने के लिए क्रमशः तीन और दो महीने का समय दिया है। इसी कड़ी में आबकारी अधिकारियों से पूछताछ का दौर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार एक अधिकारी आशीष श्रीवास्तव का नाम बाद में पूछताछ सूची में जोड़ा गया है।
निलंबन और जमानत का सिलसिला
इस घोटाले में ईओडब्ल्यू/एसीबी द्वारा चालान पेश किए जाने के बाद राज्य सरकार ने 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इनमें से 7 अफसर रिटायर हो चुके हैं। इन अधिकारियों पर 88 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमीशन लेने का आरोप है। वर्तमान में सभी अधिकारी निलंबित हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
जिन अधिकारियों को मिला समन
ईडी ने आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविंद कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा, सहायक आयुक्त प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजूश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष वासनिक, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलेख राम सिदार और सोनल नेताम समेत कई जिला आबकारी अधिकारियों को समन भेजा है। इनमें मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जर्नादन सिंह कौरव और नितिन कुमार खंडूजा भी शामिल हैं।
इसके साथ ही सेवानिवृत्त अधिकारियों—एके सिंह, जेआर मंडावी, जीएस नरूटी, देवलाल वैद्य, एके अनंत, वेदराम लहरे और एलएल ध्रुव को भी तलब किया गया है।
ईडी की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में बड़े स्तर पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।