जुबिन गर्ग की मौत की जांच में भारत-सिंगापुर संधि सक्रिय, SIT ने शुरू किया काम, जानें क्या है

असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत की जांच के लिए केंद्र सरकार ने भारत और सिंगापुर के बीच हुई परस्पर कानूनी सहायता संधि (MLAT) को सक्रिय कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि गृह मंत्रालय ने सिंगापुर से औपचारिक सहयोग मांगा है, ताकि मामले की गुत्थी सुलझाई जा सके।

असम सरकार ने सोमवार को गृह मंत्रालय से यह अनुरोध किया था कि सिंगापुर में हुई इस घटना के संदर्भ में संधि का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री सरमा ने ‘एक्स’ पर लिखा कि जुबिन गर्ग के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से जुड़े मामले की जांच में अब केंद्र ने एमएलएटी के प्रावधानों के तहत औपचारिक मदद मांगी है।

असम पुलिस की टीम सिंगापुर में

मामले की तह तक पहुंचने के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक एमपी गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है। जांच के सिलसिले में असम पुलिस के दो अधिकारी पहले ही सिंगापुर पहुंच चुके हैं। सरमा ने कहा कि इस संधि से वहां के अधिकारियों से पूरा सहयोग मिलेगा और आरोपियों तक पहुंचने में मदद होगी।

52 वर्षीय जुबिन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में नौका यात्रा के दौरान समुद्र में डूबने से निधन हो गया था। अगले दिन उन्हें पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में प्रस्तुति देनी थी। बुधवार को उनकी तेरहवीं है।

भारत-सिंगापुर संधि का महत्व

भारत और सिंगापुर के बीच 2005 में आपराधिक मामलों में परस्पर सहयोग के लिए एमएलएटी समझौता हुआ था। इसके तहत विदेशों में किसी भारतीय नागरिक की संदिग्ध मौत या अपराध से जुड़े मामलों में साक्ष्य जुटाने, गवाहों के बयान दर्ज करने, बैंकिंग रिकॉर्ड, फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज तक तक पहुंचने की सुविधा मिलती है।

इस संधि की मदद से जांच एजेंसियां विदेश में तलाशी या जब्ती की कार्रवाई भी कर सकती हैं। साथ ही कानूनी दस्तावेज, रिकॉर्ड प्रोडक्शन का आदेश और हिरासत में व्यक्ति के ट्रांजिट की व्यवस्था भी संभव होती है।

जांच में बड़ी भूमिका निभाएगी संधि

गायक जुबिन गर्ग की संदिग्ध मौत की पड़ताल में यह संधि अब अहम साबित हो रही है। उम्मीद है कि सिंगापुर के साथ सहयोग के जरिए जांच एजेंसियों को आवश्यक सबूत और जानकारी मिल सकेगी, जिससे सच सामने आ पाएगा और न्याय सुनिश्चित होगा।

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