:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- भारत की डिजिटल क्रांति को मज़बूती देने वाला आधार कार्यक्रम 2009 में आरम्भ हुआ था। आज यह करोड़ों नागरिकों की पहचान ही नहीं बल्कि बैंक खाते, सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति, राशन जैसी सरकारी योजनाओं तक सीधे लाभ पहुँचाने का सशक्त माध्यम बन चुका है।

ई-केवाईसी, आधार आधारित प्रमाणिकरण, मोबाइल सिम सत्यापन, ई-साइन जैसी सेवाओं ने पहचान की प्रक्रिया को तेज, सरल और कम लागत वाला बनाया है। इसके माध्यम से बैंकिंग, बीमा, डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तेज़ी से बढ़ा है।
संकट काल जैसे कोविड-19 में भी आधार आधारित प्रणालियों ने राहत और अनुदान के त्वरित वितरण में अहम भूमिका निभाई। साथ ही आधार ने सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाकर भ्रष्टाचार व जालसाजी को कम किया है।
आधार की 16वीं वर्षगांठ (29 सितम्बर 2025) पर “आधार गाइड” टीम ने बच्चों के साथ आंगनवाड़ी में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया था, किंतु बारिश एवं नवरात्र पूजा के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।

आगामी अनिवार्य आधार अपडेट अभियान को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि सरायपाली (छत्तीसगढ़) के विद्यालयों में बायोमेट्रिक नामांकन/अपडेट प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी और उसी अवसर पर 16वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी।
“आधार गाइड” सभी आधार ऑपरेटरों, स्थानीय प्रशासन तथा सहयोगी संस्थाओं को हार्दिक धन्यवाद देया और आमजन से अपील करता है कि वे समय पर अपने एवं अपने बच्चों के आधार विवरण को अद्यतन कराकर इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें।