मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने ली समीक्षा बैठक…बच्चों की शिक्षा, पोषण और महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर

मंत्री राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत निरीक्षण करें। बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार की उपलब्धता एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने केंद्रों में स्वच्छता बनाए रखने और पोषण वाटिका विकसित करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को केवल पोषण ही नहीं, बल्कि औपचारिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए। स्वीकृत आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण और समय पर पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के लिए है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका लाभ केवल पात्र परिवारों को ही मिले। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।

बैठक में मंत्री ने महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने पर भी जोर दिया। साथ ही महतारी वंदन योजना, डेली ट्रैकिंग-मॉनिटरिंग, टीएचआर वितरण, कुपोषण दर, बच्चों का आधार कार्ड निर्माण जैसे बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की।

समाज कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री राजवाड़े ने कहा कि दिव्यांगों और वृद्धजनों को शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ दिलाना प्राथमिकता है। वृद्धाश्रमों का निरीक्षण अधिकारी स्वयं करें और बुजुर्गों की आवश्यकताओं को समझकर उनकी पूर्ति करें।

उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करें और आपसी सामंजस्य से कार्य करें। मंत्री ने दोहराया कि जनता तक शासकीय योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाना ही हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

बैठक में लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, अम्बिकापुर महापौर मंजूषा भगत, समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी बसंत मिंज, उप संचालक समाज कल्याण विभाग यू.के. उईके सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे

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