प्रतिस्पर्धा नहीं, ठहर गईं हैं कीमतें…महामाया स्थिर, विष्णुभोग शांत

मोटा और बारीक धान में आवक का यह प्रवाह जिस स्तर पर बना हुआ है,उसमें कमी नहीं आने के आसार बने हुए हैं। यही वजह है कि प्रति क्विंटल कीमत ठहरी हुई है। अलबत्ता प्रतिस्पर्धी खरीदी की रफ्तार जरूर कुछ धीमी हुई है।


1700 से 2300 रुपए

सामान्य है पोहा में अंतरप्रांतीय मांग। स्थानीय बाजार भी दैनिक जरूरत के हिसाब से पोहा में खरीदी कर रहा है। इसलिए पोहा क्वालिटी का महामाया धान 2200 से 2300 रुपए क्विंटल पर स्थिर है। चावल में मांग कमजोर है इसलिए राईस क्वालिटी का महामाया धान में 1700 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल पर सौदे हो रहे हैं। तेजी की धारणा इसलिए भी नहीं है क्योंकि मांग के अनुरूप आवक बनी हुई है।


इसमें इसलिए आवक बंद

उपयोग क्षेत्र सीमित। इसलिए सफरी और सरना में प्रतिस्पर्धी खरीदी का माहौल नहीं है। मुरमुरा और लाई में अपेक्षित खरीदी नहीं होने के बावजूद सफरी धान में बोली जा रही 2350 रुपए क्विंटल जैसी कीमत ज्यादा मानी जा रही है। इसलिए ईकाइयों ने खरीदी से फिलहाल हाथ खींचा हुआ है। यही वजह है कि धान की इन दोनों प्रजातियों की आवक बंद है।


टूट विष्णुभोग में

रिकॉर्ड 9500 रुपए क्विंटल पर पहुंचकर हलचल मचा देने वाला विष्णुभोग अब 8000 रुपए क्विंटल पर आकर ठहरा हुआ है। मंदी की धारणा इसलिए बनी हुई है क्योंकि एक्सपोर्ट बंद है चावल में। जबकि सियाराम 3000 से 3400 क्विंटल और एचएमटी धान 2400 से 2600 रुपए क्विंटल पर शांत है। तेजी की धारणा इसलिए नहीं है क्योंकि चावल में उठाव सामान्य है।

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