नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जेड प्लस (ASL) श्रेणी
की सुरक्षा मिली हुई है। उनकी सुरक्षा में हमेशा 10 से 12 सशस्त्र CRPF कमांडो
तैनात रहते हैं। लेकिन अब राहुल की सुरक्षा संभालने वाली CRPF ने
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है।
इस पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी कई बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते।
CRPF का आरोप – राहुल नहीं मानते सुरक्षा नियम
CRPF प्रमुख की ओर से भेजे गए पत्र में दावा किया गया कि बीते 9 महीनों में राहुल गांधी ने 6 विदेशी दौरों के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। एजेंसी को इन यात्राओं की पहले से कोई सूचना नहीं दी गई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई। पत्र में यह भी कहा गया है कि रायबरेली दौरे के दौरान भी राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक दर्ज की गई थी।
विदेश यात्राओं की सूची (CRPF के मुताबिक):
- 30 दिसंबर से 9 जनवरी – इटली
- 12 से 17 मार्च – वियतनाम
- 17 से 23 अप्रैल – दुबई
- 11 से 18 जून – कतर
- 25 जून से 6 जुलाई – लंदन
- 4 से 8 सितंबर – मलेशिया
कांग्रेस का पलटवार – सरकार सच्चाई से डरी
CRPF की चिट्ठी के सार्वजनिक होने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा—
“राहुल गांधी जिस सच्चाई को उजागर कर रहे हैं, उससे सरकार घबराई हुई है। पत्र का समय और उसे सार्वजनिक करना संदेह पैदा करता है। यह विपक्ष के नेता को डराने की कोशिश है।”
खेड़ा ने सवाल उठाया कि जब राहुल गांधी भाजपा और चुनाव आयोग की कथित मिलीभगत को उजागर कर रहे हैं, तभी यह चिट्ठी क्यों सामने आई?
भाजपा का जवाब – राहुल पर सुरक्षा को हल्के में लेने का आरोप
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि उन्होंने पत्र नहीं देखा है, लेकिन मीडिया के जरिए जानकारी मिली है। उन्होंने सवाल किया कि राहुल विदेश यात्राओं के दौरान अपनी सुरक्षा पर भरोसा क्यों नहीं करते और वहां वे कौन सी “गुप्त बैठकें” करते हैं।
वहीं, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने हाल ही में राहुल गांधी की मलेशिया यात्रा को लेकर भी सवाल उठाए थे और सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर साझा कर निशाना साधा था।
हाल की सुरक्षा चूक
बीते बुधवार रायबरेली दौरे के दौरान राहुल गांधी को भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी और ‘राहुल गांधी वापस जाओ’ के नारे लगाए। इस दौरान उनका काफिला करीब 15 मिनट तक फंसा रहा। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया और काफिला आगे बढ़ सका।