(Shrimad Bhagwat Katha) पापों का नाश करने लिया करते हैं भगवान अवतार

(Shrimad Bhagwat Katha)

(Shrimad Bhagwat Katha) देवकी के आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ

 

(Shrimad Bhagwat Katha) सक्ती . चांपा नगर मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा में वेदव्यास से आचार्य राजेंद्र शर्मा द्वारा सभी भक्तजनों को भगवान वामन अवतार चंद्रवंश एवं सूर्यवंश वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि  संसार के समस्त प्राणियों का जन्म होता है अपने कर्मों के कारण , किंतु  सभी पर दया और करुणा करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं l

(Shrimad Bhagwat Katha) जब जब इस धरती पर पाप और अधर्म का भार बढ़ता है तब भगवान धर्म की स्थापना और पापों का नाश करने के लिए अवतार लिया करते हैं l द्वापर युग में वासुदेव और देवकी के आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ था , श्रीकृष्ण की लीलाओं में एक तरफ आनंद ही आनंद है तो वहीं दूसरी ओर विद्वानों को भी चकित कर देने वाली लीला और समाज के लिए एक अद्भुत प्रेरणा है , यह उद्गार चांपा नगर में आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन व्यासपीठ से आचार्य राजेंद्र शर्मा ने प्रकट किए l

(Shrimad Bhagwat Katha)  कथा वाचक राजेंद्र शर्मा ने श्रोताओं को बताया की भगवान को सर्वस्व समर्पण करने पर परमात्मा भी दानदाता कि हमेशा रक्षा करते हैं ,l राजा बलि ने बामन भगवान को अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया तब भगवान उसकी रक्षा करने के लिए पातालपुरी चले गए और राजा बलि के द्वारपाल बन गए l

भगवान श्री नारायण को लेने के लिए लक्ष्मी जी को पातालपुरी जाना पड़ा था अर्थात जहां नारायण रहते हैं लक्ष्मी उनके पीछे पीछे ही चली जाती है , इसलिए गृहस्थ में केवल लक्ष्मी की ही पूजा ना हो बल्कि नारायण की भी पूजा-अर्चना होनी ही चाहिए l नवम स्कंध कथा में आचार्य मनोज शास्त्री द्वारा भगवान श्री राम के अवतार की कथा सुनाई गई !

उन्होंने बताया कि श्रीराम साक्षात धर्म की मूर्ति के रूप में अवतार लिए थे जिन्होंने मर्यादा पालन करने की शिक्षा सब को प्रदान किया l श्री राम एक तारक नाम है जिनका स्मरण और नाम उच्चारण मात्र से ही भवसागर से पार किया जा सकता है l

आयोजन परिवार सहित सहित चौथे दिन की कथा में हजारों भक्त गणों द्वारा महाआरती कर श्रीमद् भागवत कथा का श्रोताओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया l

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