छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी द्वारा रायपुर के सड्डू स्थित जनमंच में देश के शीर्षस्थ व्यंग्यकार लेखक हरिशंकर परसाई की जयंती 22 अगस्त के अवसर पर तीन दिवसीय रंग परसाई का आयोजन किया जा रहा है।

22 अगस्त 1924 को होशंगाबाद जिले के जमानी गांव में पैदा हुए हरिशंकर परसाई का कार्यक्षेत्र जबलपुर रहा। उन्होंने जबलपुर से वसुधा नामक पत्रिका का संपादन किया। हरिशंकर परसाई ने अपनी रचनाओं के जरिए हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और व्यंग्य को विधा के रूप में स्थापित किया. उनकी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक पाखंड पर तीखा प्रहार है। समीक्षक उन्हें आधुनिक युग का कबीर भी कहते हैं। उनका निधन जबलपुर में 10 अगस्त 1995 को हुआ। छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी हरिशंकर परसाई की स्मृति में उनकी रचनाओं पर आधारित यह नाट्य प्रस्तुति कर रहा है।
इस आयोजन में पहले दिन 22 अगस्त शुक्रवार की शाम 7 बजे इप्टा भिलाई द्वारा हरिशंकर परसाई की रचना भिलाई इप्टा द्वारा चारू श्रीवास्तव के निर्देशन में जैसे उनके दिन फिरे नाट्य का मंचन किया जाएगा। इसी दिन श्रीमती रचना मिश्रा के निर्देशन में परसाई की कहानी चूहा और मैं, तिवारी जी की कथा का नाट्य पाठ किया जाएगा। परसाई की प्रासंगिता पर चर्चा भी होगी।
23 अगस्त शनिवार शाम 7 बजे श्रीमती रचना मिश्रा के निर्देशन में परसाई के नौ रंग के नाम से परसाई की नौ रचनाओं जाति, रोटी, अश्लील पुस्तकें होनहार, पर उपदेश, चौबे जी की कथा, सुशीला, वैष्णव कथा, अनुशासन कहानी का कोलॉज प्रस्तुत किया जाएगा।
23 अगस्त रविवार शाम 7 बजे अग्रज बिलासपुर द्वारा सुनिल चिपड़े के निर्देशन में प्रेमियों की वापसी तथा भेड़ और भेड़िया की नाट्य प्रस्तुति की जाएगी। सारे नाटको की प्रस्तुति जनमंच सड्डू में होगी। प्रवेश दर्शकों के लिए निशुल्क है।
यह जानकारी फ़िल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी की ओर से श्रीमती रचना मिश्रा ने दी है।