:राजकुमार मल:
भाटापारा- हरितालिका तीज 26 अगस्त को। तैयार होने लगे हैं छत्तीसगढ़ी व्यंजन ठेठरी और खुरमी। बड़ी- बिजौरी ने एक सप्ताह पहले ही अपनी पहुंच बना ली है।
छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन अब स्वीट कॉर्नर में भी नजर आने लगे हैं। गुझिया, पिड़िया और अइरसा की खरीदी को लेकर उपभोक्ताओं ने जैसा रुझान दिखाया, उसे देखते हुए अब नई पेशकश के रूप में ठेठरी और खुरमी को देखा जा रहा है। कीमत प्रति किलो भले ही ज्यादा मानी जा रही हो लेकिन बढ़ता रुझान स्पष्ट कर रहा है कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद जुबान को भाने लगा है।

अब ठेठरी और खुरमी
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों में जाना- पहचाना नाम है ठेठरी और खुरमी का। ठीक वैसे ही जैसे गुझिया और अइरसा का। इन दोनों के जोरदार प्रतिसाद को देखते हुए देवांगन खजूरवाला ने अब ठेठरी और खुरमी भी बनाई है। क्रमशः 300 और 200 रुपए किलो की कीमत में इसकी खरीदी की जा सकेगी। सुविधा अनुसार छोटे पैक में भी यह उपलब्ध हैं।

अइरसा हर समय
बीते बरस से शुरू अइरसा और गुझिया पूरे साल बनाए और बेचे जा रहे हैं। संस्थान संचालक मयंक देवांगन बताते हैं कि हर उपभोक्ता वर्ग को दोनों छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद खूब पसंद आ रहा है। इन दोनों की खरीदी को लेकर रुझान को देखते हुए तीज पर्व पर घरों में बनाए जाने वाले ठेठरी और खुरमी बनाने और विक्रय की योजना पर काम किया।
यह पहले से ही
संशय था बड़ी-बिजौरी को लेकर लेकिन शुरूआती रुझान ऐसा रहा कि अब यह भी डिमांड में आ चुके हैं। लिहाजा बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे हैं। तीज की मांग के बावजूद बिजौरी 400 रुपए किलो, रखिया की बड़ी 400 रुपए किलो और कुम्हड़ा बड़ी भी 400 रुपए किलो पर स्थिर है। आंशिक तेजी की आशंका इसलिए बन रही है क्योंकि कद्दूवर्गीय इन सब्जियों की कीमत बढ़त की ओर है।
