Big News: भालुकोना में दुर्लभ खनिज निकल , क्रोमियम व प्लेटिनम मिलने की संभावना बढ़ी



इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार करीब 2 माह पूर्व जियोलॉजीकल ( भू – वैज्ञानिक ) विभाग के कुछ अधिकारी भालुकोना के पास लगभग 9 एकड़ जमीन को अपने कब्जे में लेकर वहां 2 माह तक रहकर 15 जून तक सर्वे का कार्य किया गया था । इस दौरान इस एरिया में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नही थी । वही इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार गोहेरापाली व पंडापारा में आस्ट्रेलिया से आये कुछ वैज्ञानिकों द्वारा 2 बोर टेस्टिंग के लिए खोदा गया था । इसी तरह बसना ब्लाक के ग्राम जमनीडीह में भी निकल , क्रोमियम व प्लेटिनम जैसी दुर्लभ धातु भी इसी के साथ मिला है ।


इन दुर्लभ धातुओं का मिलना सरायपाली व बसना के साथ ही राज्य के लिए भी एक बहुत बड़ी खुशखबरी है । इससे इन क्षेत्रों के विकास केवसाथ ही उद्योग व रोजगार के भी अवसरों की संभावना बढ़ जाएगी साथ ही प्रत्येक क्षेत्र में व्यवसाय भी लाभान्वित होंगे ।

               क्षेत्र के लिए दुर्लभ खनिजों की खोज को लेकर अच्छी खबर है।  इस सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार विदेश से मंगाए जाने वाले दुर्लभखनिज निकेल, क्रोमियम और प्लेटिनम अब सरायपाली व बसना ब्लाक के ग्राम  भालुकोना-जामनीडीह में मिलेगा। देश में पहली बार इसके मिलने की पुष्टि हो गई है।

 लंबे समय से चल रहे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 2022 में 3000 हेक्टेयर में इसके होने की संभावना जताई थी। इसके बाद 6 मार्च 2023 में हुई नीलामी में मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (डीजीएमएल) को यहां की खदान आवंटित कर दी गई थी ।



 कंपनी ने हाल ही में रिसर्च वर्क शुरू किया। इसमें भू-वैज्ञानिक मैपिंग, रॉक चिप सैम्पलिंग, ड्रोन आधारित मैग्नेटिक सर्वेक्षण और इंड्यूस्ड पोलराइजेशन (आईपी) सर्वेक्षण करने पर लगभग 700 मीटर लंबी खनिजीकृत पट्टी मिली। संभावना है कि ये मैफिक अल्ट्रामैफिक चट्टानों में स्थित है। यही नहीं सर्वे में 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिज भी मिले हैं। खनिज

■ 4000 करोड़ के निकेल, क्रोमियम, प्लेटिनम आयात करता है भारत ■


भारत निकेल को कनाडा, आस्ट्रेलिया, रूस से, क्रोमियम को चीन, यूके, कजाकिस्तान, इंडोनेशिया से और प्लेटिनम को रूस, यूएई, दक्षिण अफ्रीका व जिम्बाव्वे से आयात करता है।
2023 में भारत ने 1,24,873 टन क्रोमियम आयात किया था। जिसकी कीमत 3290 करोड़ रुपए है। क्रोमियम को 18,48,710 टन आयात किया गया। जिसकी कीमत 167 करोड़ है तथा
प्लेटिनम को 3736 किग्रा आयात हुआ। जिसकी कीमत 475 करोड़ रुपए है।


■ राज्य शासन दुर्लभ खनिजों की खोज को पहली प्राथमिकता दे रहा है। ■ यही वजह है कि 2024-25 के अन्वेषण प्रस्तावों में 50% से अधिक प्रस्ताव इन्हीं खनिजों पर केंद्रित हैं। अब तक राज्य द्वारा 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुका है, जिनमें ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, प्लेटिनम, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट एवं ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे अत्यंत दुर्लभ खनिज शामिल हैं। इसके अलावा 6 टिन ब्लॉकों को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय को आगामी नीलामी हेतु सौंपा गया है।


■ इन दुर्लभ धातु का उपयोग विभिन्न महत्वपूर्ण उद्योगों में काम आता है जैसे निकेलः स्टेनलेस स्टील, बैटरी, ऑटोमोबाइल और एयरोस्पेस के उपकरण। क्रोमियमः स्टेनलेस स्टील, क्रोम प्लेटिंग, जंगरोधी सामान, रंग, रंजक तथा प्लेटिनमः आभूषण, मेडिकल के उपकरण, रासायनिक उद्योग के सामान, उत्प्रेरक कन्वर्टस करने में काम आता है

यह सफलता केवल एक वैज्ञानिक सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक छलांग है। बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनजर, हरित ऊर्जा और हाई-टेक तकनीकों के लिए आवश्यक खनिज जैसे निकेल और प्लेटिनम समूह के तत्व भविष्य की तकनीकों की रीढ़ साबित होगी

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