नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने शराब घोटाले के मामले में दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट का रुख करने को कहा। साथ ही, कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह इस मामले में जल्द सुनवाई करे।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “VIP कल्चर बंद होना चाहिए”
- न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि “जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति होता है, तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाता है। अगर हम हर मामले की सुनवाई करेंगे, तो अन्य अदालतों का क्या उपयोग रह जाएगा?”
- कोर्ट ने कहा कि “एक आम आदमी और साधारण वकील के पास सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने का साधन नहीं होता। इस तरह का VIP कल्चर बंद होना चाहिए।”
क्या था मामला?
- भूपेश बघेल और उनके बेटे पर मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) और शराब घोटाले के आरोप लगे हैं।
- उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की मांग करते हुए PMLA की धारा 50 और 63 को भी चुनौती दी थी।
- कोर्ट ने कहा कि “एक ही याचिका में सभी मुद्दों को नहीं उठाया जा सकता।”
अब क्या होगा?
- सुप्रीम कोर्ट ने चैतन्य बघेल को जमानत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा।
- अगर वे PMLA के प्रावधानों को चुनौती देना चाहते हैं, तो उसके लिए अलग से याचिका दाखिल करनी होगी।
- हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है।

क्या है शराब घोटाला केस?
- छत्तीसगढ़ में शराब माफिया और राजनेताओं के बीच गठजोड़ का आरोप है।
- ED ने दावा किया है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में अवैध लाइसेंस देकर करोड़ों का घोटाला किया गया।
- इस मामले में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
अब देखना होगा कि हाईकोर्ट में भूपेश बघेल और उनके बेटे को किस तरह की राहत मिलती है।