कसडोल समाचार : दौलत राम शर्मा महाविद्यालय कसडोल प्रभारी प्राचार्य द्वारा जनभागीदारी समिति फंड के लाखों रुपए का किया गया बंदरबांट
बैठक प्रस्ताव के रजिस्टर में जनभागीदारी अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद अन्य कंडिका लिखवाया गया प्रभारी प्राचार्य द्वारा !
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रामखिलावन डहरिया से भी हो चुकी है नोकझोंक !
भुवनेश्वर प्रसाद साहू
कसडोल समाचार
कसडोल समाचार : दौलतराम शर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय कसडोल में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है ! जिसमें लगभग 11 से अधिक विषयों की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं ,
https://chat.whatsapp.com/BuP7D6lPDiG0yqnq64BrGX
कसडोल समाचार : लेकिन महाविद्यालय में विगत कुछ माह से पर्याप्त सुविधा विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रही है ! जबकि महाविद्यालय में शासकीय फंड के साथ-साथ जनभागीदारी समिति का भी फंड है ,
लेकिन इन मदों की राशि के बावजूद आज तक महाविद्यालय में आधारभूत सुविधाओं का अभाव है ! ज्ञात हो कि महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति में अगस्त 2017 से वर्तमान समय 2022 तक कुल अस्सी
लाख रुपये का फंड था जो आज वर्तमान में केवल बारह या तेरह लाख रूपये ही रह गया है ! बाकी राशि कहां गई ? प्रभारी प्राचार्य के सिवा किसी को भी नहीं पता है !
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष व सदस्यों से प्राचार्य द्वारा किसी भी कार्य के लिए निर्णय लेने से पहले सलाह लेना उचित नहीं समझा जा रहा है !
एक तरह से देखा जाए तो दौलतराम शर्मा महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है ! जिसको लेकर कुछ दिनों पूर्व महाविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया था !
दौलत राम शर्मा महाविद्यालय के जनभागीदारी फंड का उपयोग , प्रभारी प्राचार्य द्वारा अपने निजी हित के लिए किया जा रहा है और इसकी जानकारी जनभागीदारी के अध्यक्ष व सदस्यों को भी नहीं है !
दौलतराम शर्मा महाविद्यालय में ऑडिट नहीं होने से लंबे समय से यह गोलमाल प्रभारी प्राचार्य द्वारा किया जा रहा है !
महाविद्यालय में किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के लिए प्रभारी प्राचार्य द्वारा कमीशन लिया जाता है और महाविद्यालय में कराए गए कार्यों की जानकारी , जनभागीदारी के अध्यक्ष व सदस्यों को भी नहीं दी जाती है !
दौलत राम शर्मा महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य द्वारा कमीशन लेकर कराए गए कार्यों में कितनी गुणवत्ता होगी , इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 100 रुपए का काम दिया जाएगा और
उसमें से 35 रूपए प्रभारी प्राचार्य द्वारा कमीशन ले लिया जायेगा तो किए गए कार्यों में कितनी गुणवत्ता हो सकती है?
दौलत राम शर्मा महाविद्यालय में कार्य कराने के लिए प्रभारी प्राचार्य कभी भी स्वयं ही ठेकेदार बन जाते है , और महाविद्यालय में उपलब्ध प्रत्येक राशि का अपनी मनमर्जी से उपयोग कर रहे है !
यहां तक कि महाविद्यालय के कर्मचारियों को भी अपने निजी कार्यों में लगा देता है !
एक तरह से देखा जाए तो दौलतराम शर्मा महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय की संपत्ति को , अपनी निजी प्रॉपर्टी समझकर , महाविद्यालय के लिए उपलब्ध संसाधनों का निजी उपभोग कर रहा है !
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के द्वारा आपत्ति करने पर महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा , ऊंची राजनीतिक पहुंच की धमकी दिया जाता है और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों पर कमीशन मांगने का आरोप , महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा लगाया जाता है !
महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष द्वारा अप्रैल 2022 से लगातार प्रभारी प्राचार्य डॉ एस के एस गजेंद्र को बैठक लेने के लिए बार-बार कहते आ रहे हैं ताकि महाविद्यालय में सुविधाओं को और
बढ़ाया जा सके व अन्य पाठ्यक्रमों को खुलवाने में भी सहायता प्राप्त हो सके ! परंतु महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के द्वारा लगातार बैठक को किसी ना किसी बहाने से टालते आ रहे हैं क्योंकि जनभागीदारी
समिति की बैठक होने पर उन्हें महाविद्यालय में उपलब्ध फंडों की राशि और किए गए व्यय की जानकारी देनी पड़ेगी ! जो कि उनके पास नहीं है !
दौलतराम शर्मा महाविद्यालय में , महाविद्यालय के विद्यार्थियों ,कर्मचारियों एवं आगंतुको की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था ! परन्तु प्राचार्य अपनी मनमर्जी से महाविद्यालय में
आते -जाते रहते हैं ! इसलिए सीसीटीवी कैमरे को लगाने के 2 वर्ष बाद चालू करवाया गया और कुछ ही दिनों बाद सीसीटीवी कैमरे को निकलवा दिया गया