:राजेश राज गुप्ता:
कोरिया जिले में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ एक निर्णायक कदम उठाया है। खरवत चौक के पास तड़के सुबह प्रशासन ने बुलडोजर के माध्यम से अतिक्रमण हटाने का कार्य प्रारंभ किया। इस कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था, ताकि किसी भी प्रकार के संघर्ष से बचा जा सके और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
कलेक्टर कोरिया ने इस कार्रवाई के लिए सख्त निर्देश दिए थे। पिछले कई महीनों में अतिक्रमणकारियों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद वे अपने स्थानों से नहीं हटे। इस बार प्रशासन ने ठान लिया कि अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
आज की कार्रवाई में दर्जन भर से अधिक जुग्गी, झोपड़ियाँ और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, खरवत चौक एक ऐसा स्थान है जहाँ अक्सर सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, और यह भीड़-भाड़ का एक प्रमुख केंद्र है अतिक्रमण के कारण सड़क की चौड़ाई कम हो गई थी, जिससे कई बार दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। प्रशासन का यह कदम सही दिशा में है।” इस कार्रवाई के प्रति कुछ स्थानीय लोग असंतोष भी व्यक्त कर रहे हैं। एक छोटी दुकान चला रहे युवक ने कहा “हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। हम यहाँ अपने बच्चों का पेट पालने के लिए आए थे। प्रशासन को हमें पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।”
प्रशासन ने इस कार्रवाई का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा है कि अतिक्रमण के कारण न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि यह दुर्घटनाओं का भी कारण बनता है। अतिक्रमण हटाने के इस अभियान के दौरान पुलिस ने पूरे क्षेत्र में निगरानी रखी, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटित हो। प्रशासन के इस कदम ने क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा दी है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी उठाता है कि क्या अतिक्रमणकारियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
इस प्रकार, कोरिया प्रशासन का अतिक्रमण हटाने का अभियान न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रशासन अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इन अतिक्रमणकारियों के लिए भविष्य में क्या कदम उठाता है, ताकि उन्हें पुनर्वासित किया जा सके।