fact check
रायपुर. सोशल मीडिया और कुछ पोर्टल के जरिए दुर्ग के तुलाराम आर्य कन्या उ.मा. विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती नीना शिवहरे की नियुक्ति को फर्जी बताकर उन पर और उनके पति योगेश शिवहरे जो कि स्कूल शिक्षा विभाग में अपर संचालक के पद पर कार्यरत है उन पर गंभीर आरोप लगाया गया है. शिवहरे दंपति पर शासन को करोड़ों रूपए का चूना लगाने और विदेश भाग जाने की बात कही गई है.
हमारे पास जब यह खबर आई तो हमने इसकी वास्तविकता जानने पड़ताल की. हमने अपने सूत्रों और दस्तावेजो के जरिए गहनता से जांच की. तो पाया कि ये सारी खबरें भ्रामक ,मनगढ़ंत और पूर्वाग्रह से प्रेरित नजर आई. संचालक शिक्षण में कार्यरत एक बाबू जो बहुत सारी अनियमितताओं में लिप्त था और न काम न दाम के आधार पर प्रमोशन में एरियर्स चाहता था, जब उसको एरियर्स नही मिला और वह रिटायर्ड हो गया. तो उसने दूसरे के नाम से फिर स्वयं सूचना का अधिकार लगाकर शिवहरे दंपति के विरूद्ध दस्तावेजों की खोजबीन की. जब उसे कुछ नही मिला तो उसने झूठी शिकायत का सहारा लेकर सोशल मीडिा और कुछ न्यूज पोर्टलों के जरिए झूठी कहानी फैलाई.
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इस पूरे प्रकरण के फैक्ट चेक में हमने पाया कि लोक शिक्षण संचालनालय के सेवानिवृत्त क्लर्क चंदनानी पदोन्नति समिति की अनुशंसा के विरूद्ध 29.01.2004 से 24.04.2008 के बीच कार्य नही करने के कारण उनका जो काल्पनिक वेतन निर्धारण किया गया है, जिसके कारण उन्हें एरियर्स की पात्रता नही थी, उस अवधि का एरियर्स चाहते थे. इसके लिए उन्हें जितने भी लोक शिक्षण संचालक तदसमय थे उन पर दबाव बनाया किंतु किसी ने भी उन्हे एरियर्स देने की अनुशंसा नही की. जब संचालक शिक्षा दिव्या मिश्रा आईएएस प्रशिक्षण के लिए 30 नवंबर से 28 दिसंबर तक मसूरी गई तो संचालन का चालू प्रभार योगेश शिवहरे को मिला. चंदनानी चाहत थे कि योगेश शिवहरे उनके एरियर्स का भुगतान कर दें. इनके लिए उन्होने नोटशीट का प्रारूप बना कर शिवहरे को दिया, किंतु जब शिवहरे ने इसे नियम विरूद्ध बताते हुए उनके अनुसार काम नही किया तो उन्होने शिवहरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
काम नही बना तो शुरू हुआ खेल
योगेश शिवहरे से काम नही बना तो कथित बाबू ने उनकी पत्नी श्रीमती नीना शिवहरे को अपना टारगेट बनाया और उनकी नियुक्ति को लेकर कई सारी भ्रामक और मनगढ़ंत कहानियां फैलाई और सोशल मीडिया एवं न्यूज पोर्टल के जरिए उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. जो दस्तावेज हमारे पास है उसके आधार पर यह तय है कि श्रीमती की नियुक्ति पूरे संवैधानिक तरिके से हुआ है.
दस्तावेजों के परीक्षण से हमनें जो फैक्ट पाया:
मध्य प्रदेश के राजपत्र में सामान्य प्रशासन विभाग राज्य पुनर्गठन प्रकोष्ठ द्वारा 22 मार्च 2001 को छत्तीसगढ़ को आबंटित कर्मचारी का भारमुक्ति आदेश जारी हुआ.
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 7.14/2006/20 में राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव एल पी दांडे ने 31.01.2006 को राज्यपाल के नाम से आदेश जारी किया.
तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर मध्य प्रदेश धीरेंद्र चतुर्वेदी ने छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 7.14/2006/20 को स्वीकारते हुए मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की कंडिका 8 और स्पष्टीकरण 3 एवं 4 के अंतर्गत श्रीमती नीना शिवहरे को दुर्ग के तुलाराम आर्य कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता के पद पर लिये जाने की सहमति दी थी.
जबलपुर के सदर बाजार कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने 10.02.2006 को श्रीमती नीना शिवहरे को कार्यमुक्त किया.
श्रीमती नीना शिवहरे ने दुर्ग के दयानंद शिक्षण समिति द्वारा संचालित तुलाराम आर्य कन्या स्कूल में 15.02.2006 को
कार्यभार ग्रहण किया .