CG NEWS: सरायपाली चुनाव: भाजपा और कांग्रेस में परिवारवाद vs नए चेहरे की जंग, कौन देगा जनता को मौका?

सरायपाली :- भाजपा का मूल सिद्धांत व नीति रही है परिवार वाद के खिलाफ । भाजपा राजनीति में परिवार वाद को पसंद नही करती । अब यह देखना है कि आगामी नगरपालिका अध्यक्ष चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के चयन में परिवारवाद को अपनाती है या किसी नए वार्ड से नए युवा व सक्रिय चेहरे को टिकट देती है । कमोबेश यही स्थिति कांग्रेस की भी है । कांग्रेस में भी लोगो व पार्टी कार्यकर्ताओं की नजर है कि वही पुराने चेहरों पर दांव लगाती है
या किसी नए चेहरे पर विश्वास करती है । अभी तक के मिली जानकारी के अनुसार भाजपा में नए चेहरे की टिकिट लगभग तय हो गई है । कांग्रेस में अभी सस्पेंस बना हुआ है ।

ज्ञातव्य हो कि नगरपालिका अध्यक्ष हेतु सामान्य महिला के लिए सीट आरक्षित की गई है ।चूंकि यह सीट लगभग सभी के लिए खिला होता है चुनाव लड़ने के लिए तो इस बार दावेदारों की संख्या भी निश्चित रूप से अधिक होने की संभावनाएं बढ़ गई है । दावेदारी के लिए कांग्रेस व भाजपा में लाईन लगी है तो वही हो सकता है कुछ प्रबल दावेदारों को टिकिट नही मिलने पर निर्दलीय भी मैदान में उतार सकते हैं ।

नगरवासियो व पार्टी कार्यकर्ताओं में यह धरना प्रबल होती जा रही है कि अब पुराने व घिसे पीटे प्रत्याशियों की जगह नए वार्डो से नए व युवा प्रत्याशियों को मौका मिलना चाहिए । लगातार एक ही परिवार , एक ही वार्ड व एक ही वर्ग से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर कुंडली मारकर व अन्य लोगो की दावेदारों को किनारे कर लागतार सत्ता सुख भोगने वालो के खिलाफ नगर वासियों जे साथ साथ पार्टी कार्यकर्ताओं में भी काफी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है । सभी लोग पुराने चेहरों से उनके कार्यशैलियो व व्याप्त भ्रष्टाचार से काफी आक्रोशित व नाराज है । वे स्वयं चाहते हैं कि बहुत हुआ अब नए लोगो को मौका मिलना चाहिए । पार्टी कार्यकर्ताओं की यह मजबूरी है कि पार्टी अनुशासन के चलते न ही वे अपनी बात पार्टी में रख सकते हैं और न ही खुले आम इसका विरोध कर सकते हैं । किंतु कार्यकर्ताओ के बीच विरोध तो जरूर है ।

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कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार पार्षदों के लिए 40 से अधिक व अध्यक्ष पद हेतु 10 आवेदन प्राप्त हुवे हैं । भाजपा से कितने दावेदारों ने पार्षद व अध्यक्ष के लिए कितने दावेदारों ने दावेदारी की है इसकी कोई जानकारी नही दी गई है । कांग्रेस पार्टी एक ओर परिवारवाद का समर्थन करती है तो ठीक इज़के विपरीत भाजपा की विचारधारा ठीक इज़के विपरीत है । भाजपा के संविधान में परिवारवाद को गलत बताया गया है व भाजपा इसकी विरोधी भी है । किंतु भाजपा की यह विचारधारा व नियम सरायपाली में संभवत लागू नही होती । अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के पिछले रिकार्ड इसका साक्षात उदाहरण है । एक ही वार्ड से एक ही परिवार से व एक ही वर्ग को भाजपा ने हमेशा टिकिट देकर अपने सिद्धांतों के खिलाफ कार्य किया है व परिवारवाद के भाजपा यहां पोषक रही है ।

आमनागरिको , नगरवासियो व पार्टी कार्यकर्ताओं को यह बेसब्री से इंतजार है कि अब जब अभी अभी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा कर दी गई है व इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है । के बाद नामांकन प्रक्रियाओं जे साथ ही पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों की भी घोषणा की जायेगी । भाजपा जो परिवारवाद का सैद्धांतिक रूप से विरोध करती है इस अध्यक्ष पद के चुनाव में नागरिकों व पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग के अनुरूप युवा चेहरों को चुनती है या पार्टी नीतियों के खिलाफ जाकर पूर्व की तरह परिवारवाद को बढ़ावा देते हुवे पुराने चेहरों पर दांव लगाती है ।

नगर में दोनों प्रमुख पार्टियों के द्वारा किस चेहरों की घोषणा की जायेगी इसक्जे इंतजार किया जा रहा है । यह भी तय है कि जो पार्टी पार्टी कार्यकर्ताओं व नागरिकों के भवन के अनुरूप प्रत्याशियों के चयन करेगी उसे जन समर्थन मिलने की संभावना बढ़ जायेगी तो वही यदि परिवादवाद के पुराने ढर्रों पर चलने वाली पार्टी को कार्यकर्ताओ व नागरिको के विरोध का सामना झेलना पड़ेगा ।
वैसे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा द्वारा प्रदेश स्तर पर नए चेहरे का निर्णय लिया जा चुका है पर इसकी अभी अधिकृत तौर पर घोषणा नही की गई है समय पर ही होगी तो वही कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में भी नए चेहरों पर दांव लगाया जा सकता है । दोनों पार्टियों में नगरवासियो व पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना व आक्रोश को देखते हुवे यह निर्णय लिए जाने की संभावना बढ़ गई है । कुछ ही दिनों में स्थिति स्पष्ठ हो जायेगी ।

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