प्राकृतिक वनों में भी संख्या हो रही कम
राजकुमार मल
भाटापारा। भरपूर फाईबर। एंटी ऑक्सीडेंट्स व फाईटोकेमिकल्स। इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण मेडिशनल प्रॉपर्टीज होते हैं रामफल में लेकिन सीताफल परिवार का यह सदस्य अब विलुप्ति की कगार पर है।
चिंता में हैं वानिकी वैज्ञानिक क्योंकि रिकॉर्ड दस बीमारियों को दूर रखता है रामफल। बचे-खुचे पेड़ों का संरक्षण तो किया जा रहा है लेकिन संवर्धन की दिशा में गंभीरता नजर नहीं आ रही है। इसलिए इसे विलुप्ति की राह पर चलने वाला वृक्ष माना जा रहा है। हद तो यह कि प्राकृतिक वनों में भी यह प्रजाति नजरों से ओझल हो रही है।
होते हैं यह तत्व
बुलॉक हार्ट या सीताफल का निकटस्थ संबंधी रामफल में उच्च गुणवत्ता वाले फाईबर की पहचान हुई है। मैग्नीशियम के अलावा एंटी ऑक्सीडेंट्स का भी होना पाया गया है। फाईटोकेमिकल्स ऐसा मेडिशनल प्रॉपर्टीज है, जो रामफल में सबसे ज्यादा मात्रा में होता है। कार्बोहाइड्रेट्स इसे संपूर्ण औषधिय फल बनाता है। पत्तियों का काढ़ा संक्रमण से दूर रखता है।
करते हैं दूर यह बीमारियां
रामफल का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिससे कब्ज जैसी समस्या दूर रहती है। हृदय को स्वस्थ्य रखता है, तो रक्तचाप को भी नियंत्रण में रखता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। रक्त शर्करा नियंत्रण में होता है। दाद, खाज और खुजली जैसे त्वचा रोग नहीं होते। दर्द निवारक का काम तो करता ही है, साथ ही शरीर को फ्री-रेडिकल्स से भी बचाते हैं। नियमित सेवन शरीर की ऊर्जा को बनाए रखता है।
हो रहे विलुप्त
सीताफल के पौधे तो खूब हैं लेकिन रामफल को लेकर जैसी जागरुकता होनी चाहिए, वह सिरे से गायब है। संरक्षण और संवर्धन तो दूर, प्राकृतिक वनों में भी कम हो रहे हैं, रामफल के वृक्ष। हद तो यह है कि पौधरोपण की सूची में भी यह नाम नजर नहीं आता। महत्वपूर्ण मेडिशनल प्रॉपर्टीज का होना और रिकॉर्ड दस बीमारियों को दूर रखने में सक्षम यह प्रजाति अब विलुप्ति की कगार पर है।
सेहत का खजाना है रामफल
प्रकृति ने हमें कई ऐसे फल दिए जो स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरे होते हैं। रामफल में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस और लौह तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से बीमारियां दूर एवं इम्युनिटी मजबूत होती है।
अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर