जांजगीर-चांपा जिले में सिंचाई विभाग के माइनर नहर रिपेयरिंग कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें सामने आई हैं। हर वर्ष करोड़ों रुपए की लागत से इन नहरों की मरम्मत की जाती है, लेकिन एक साल के भीतर ही वही स्थिति फिर से पैदा हो जाती है। इस बार सारागाव के पास माइनर नहर में चल रहे रिपेयरिंग कार्य में भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग काफी नाराज हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया जाता है और काम भी मानक के अनुसार नहीं किया जाता, जिसके कारण नहर की स्थिति जल्दी ही खराब हो जाती है। इसके बावजूद ठेकेदारों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। एक तरफ जहां विभाग हर साल बड़ी रकम खर्च करने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर नहरों की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए समस्या बन चुकी है।
लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिरकार ऐसे भ्रष्टाचार को कैसे रोका जाए। विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है, और अब इस मामले में सख्त जांच की मांग उठने लगी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि सुधार नहीं हुआ, तो आगामी समय में पानी की किल्लत और अधिक गंभीर हो सकती है।