Jagdalpur latest news बस्तर में महुए की महक के बीच राजनीति की अनोखी धमाचौकड़ी
Jagdalpur latest news जुबानी जंग के दौर में एक दूसरे को खुली चुनौती देने लगे हैं राजनेता
Jagdalpur latest news जगदलपुर. बस्तर की फिजा इन दिनों महुए की भीनी- भीनी महक के बीच अनोखी राजनैतिक धमाचौकड़ी से भी लबरेज नजर आ रही है. यहां की सियासत में “चंगू – मंगू” ने खलबली मचा रखी है. हर आम और खास की जबान पर चंगू मंगू की ही चर्चा है.
Jagdalpur latest news वहीं आरोप प्रत्यारोपों के दौर में कांग्रेस और भाजपा के नेता एक – दूसरे को नीचा दिखाने तथा चुनौती देने में भी कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं. और बस्तर की अवाम इस सियासी खेल का लुत्फ़ उठाने में मशगूल दिख रही है.
Jagdalpur latest news दरअसल छत्तीसगढ़ के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा द्वारा भाजपा नेताओं पर की गई टिप्पणी ने बस्तर की राजनीति में खासी हलचल मचा रखी है. नवनियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल हाल ही में दो दिनों के बस्तर प्रवास पर आए थे.
Jagdalpur latest news उनके इस दौरे का मकसद 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए यहां के पार्टीजनों में नई ऊर्जा का संचार करना था. लेकिन कोंटा विधायक एवं छ्ग शासन के केबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने अपनी टिप्पणी से इसे नया मोड़ दे दिया. श्री लखमा ने कहा था कि अरुण साव और नारायण चंदेल का अपना कोई वज़ूद और राजनैतिक पहचान नहीं है. ये दोनों नेता तो चंगू मंगू हैं और सैर सपाटे के लिए बस्तर आए हैं.
Jagdalpur latest news साव और चंदेल बस्तर की सभी बारह सीटों पर जीत का मंत्र कार्यकर्ताओं को दे गए थे. लखमा के इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने करारा पलटवार किया. श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में चंगू – मंगुओं की बड़ी फौज है. इस पार्टी में चाटुकारों की ही पूछ परख होती और परिवारवाद हावी है.
कश्यप का यह बयान आया ही था कि लखमा ने चुनौती भरे बयान वाले बारूद का तोप दाग दिया. उन्होंने कहा है कि भाजपा के बस्तर आए दोनों नेता यहां की सभी बारह सीटों पर जीत का दम भर गए हैं. दोनों नेताओं को मेरी चुनौती है कि उनमें अगर सही में दम है, तो मेरी कोंटा सीट से मेरे खिलाफ चुनाव लड़ कर दिखाएं.
बारूद की गंध, बयानों का बम
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नक्सल प्रभावित बस्तर की आबो हवा में महुए की महक के साथ ही नक्सलवादियों और सुरक्षा बलों के बीच होने वाली फायरिंग से उठने वाली बारूद की गंध भी घुली रहती है. अब जवानों के बूटों की धमक के बीच राजनीति की अजीबोगरीब धमाचौकड़ी भी सुनाई देने लगी है. होटलों, पान ठेलों में चंगू मंगू की ही चर्चा है युवक अपने दोस्तों को चंगू मंगू की संज्ञा देकर छेड़ने लगे हैं. कुल मिलाकर बस्तर की राजनीति फिलहाल चंगू मंगू के मकड़जाल में उलझी सी प्रतीत हो रही है.