धान विष्णुभोग, सियाराम और एचएमटी का रकबा कम हुआ
राजकुमार मल
भाटापारा। बारीक चावल के उपभोक्ता तैयार रहें तेजी के लिए। यह स्थिति पूरे साल बने रहने के प्रबल आसार हैं क्योंकि बारीक धान की खेती के रकबे में इस बार जबरदस्त गिरावट आई है। प्रमाण मंडी प्रांगण में आ रहे विष्णुभोग धान से मिल रहा है, जिसकी कीमत प्रति क्विंटल 4100 से 4200 रुपए तक जा पहुंची है।
समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद जो आकलन कारोबारियों ने व्यक्त किया था, वह सही निकलने लगी है। बारीक धान की खेती का रकबा तो तेजी से घटा है लेकिन बारीक चावल बनाने वाली ईकाइयों की मांग पूर्ववत स्तर पर बनी हुई है। असर पुराना बारीक धान में तेजी के रूप में दिखाई देने लगा है। एचएमटी 3100 रुपए क्विंटल पर मजबूत है, तो सियाराम भी बढ़त की राह पर है। सबसे ज्यादा गर्मी विष्णुभोग में देखी जा रही है।
इसलिए पूरे साल तेजी की धारणा
समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद से आशंका व्यक्त की जा रही थी बारीक धान की बोनी में गिरावट की। यह सही साबित हो रही है क्योंकि आवक में जबरदस्त कमी देखी जा रही है। नई फसल की आवक में विलंब है। ऊपर से रकबा भी कम हुआ है जबकि बारीक चावल बनाने वाले मिलों की मांग पूर्ववत स्तर पर बनी हुई है। लेकिन कमजोर आवक की वजह से विष्णुभोग धान 4100 से 4200 रुपए, सियाराम 3350 से 3400 रुपए और एचएमटी 3100 रुपए क्विंटल पर मजबूत है।
टूट इनमें आने की आशंका
महामाया, सरना, 1010 और आईआर जैसे मोटे धान की प्रजातियां भले ही इस समय तेज हैं लेकिन आगत दिनों में प्रांगण में पहुंचने वाली प्रजातियों की कीमत घट सकती है क्योंकि संग्रहण केन्द्रों से उठाव के लिए आर्डर जल्द जारी होने लगेंगे। ऐसे में प्रांगण में आने वाली उपज में मंदी की प्रबल धारणा है। फिलहाल महामाया 2700 से 2750 रुपए और सरना 2200 से 2250 रुपए क्विंटल पर ठहरा हुआ है।
बारीक चावल में पूरे साल तेजी
बारीक चावल बनाने वाली ईकाइयों के नियमित संचालन के लिए इस वर्ष दिक्कत हो सकती है क्योंकि सियाराम, विष्णु भोग और एचएमटी का रकबा काफी कम हुआ है हालांकि संभावित आशंका को देखते हुए भंडारण इकाइयों ने किया हुआ है लेकिन कब तक साथ दे पाएगा भंडारित धान? जैसे सवालों के जवाब फिलहाल नहीं मिल रहे। ऐसे में बारीक चावल की खरीदी के लिए उपभोक्ताओं को अपेक्षाकृत ज्यादा कीमत देनी होगी।
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