Demand for action: भ्रष्टाचार मामले में पूर्व नपा अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग

भ्रष्टाचार मामले में पूर्व नपा अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग

खैरागढ़ में भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने खोला मोर्चा, बर्खास्तगी की मांग

खैरागढ़। खैरागढ़ नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को विधायक प्रतिनिधि और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। साल 2023 में खैरागढ़ सीएमओ और तत्कालीन पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के आपसी साठगांठ से नगरपालिका खैरागढ़ में बिना समान खरीदे लाखों रुपए का भुगतान किया गया था।

सरकारी पैसे की बंदरबाट भी हुई थी। जिसे लेकर भाजपा लगातार विरोध कर रही थी। भाजपा के विरोध के बाद प्रशासन हरकत में आया और विभागीय जांच शुरू की। जांच में तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा दोषी पाए गए, जिन्हें शासन ने निलंबित भी कर दिया था, लेकिन पूरे मामले में सीएमओ खैरागढ़ के साथ ही नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए वर्मा
बीते दिनों शैलेन्द्र वर्मा कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद साढ़े 7 साल बाद खैरागढ़ में भाजपा का अध्यक्ष चुना गया। अब चूंकि शैलेन्द्र भाजपा के हो गए हैं, इसलिए भाजपा की ओर से शिकायतों का सिलसिला रुक गया है, लेकिन भाजपा की जगह अब कांग्रेस ने शैलेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करवाने मोर्चा खोल दिया है।

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पार्षद पद से बर्खास्त करने की मांग
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने बताया कि नगर पालिका में हुई 37 लाख रुपए की सरकारी राशि की बंदरबांट के मामले में जांच में जब सीएमओ को दोषी पाया गया और निलंबित किया गया है तो शैलेंद्र वर्मा पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जबकि चेक पर सीएमओ और अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर हैं, दोनों ने मिलीभगत कर ये लूट मचाई है। इसलिए शैलेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें पार्षद पद से बर्खास्त करने की मांग करने आए हैं। जून 23 से 31 दिसंबर 2023 की अवधि में नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षद, 14वें वित्त, 15वें वित्त, राज्य परिवर्तित, पालिका, दीदी बर्तन बैंक, मरम्मत संधारण, जलकष्ट निवारण मदों के अलावा अन्य मदों से सामाग्री क्रय किया जाना दर्शाकर लाखों रुपए का भुगतान किया गया था। जिसकी शिकायत भाजपा के महामंत्री रामाधार रजक ने कलेक्टर सहित नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव और संचालक को की थी।

37 लाख 73 हजार राशि की गड़बड़ी
शिकायत पत्र में बिना कोई सामाग्री क्रय किए कुल 37 लाख 73 हजार रुपए की बड़ी राशि का भ्रष्टाचार किए जाने की बात सामने आई थी। जिसकी खरीदी और भ्रष्टाचार के दौरान नगरपालिका में इससे संबंधित कोई बिल बाउचर और फाइल उपलब्ध नहीं था, और पालिका द्वारा कोई जिम सामाग्री क्रय भी नहीं किया गया था। साथ ही सरकार के भंडार क्रय नियम का पालन भी नहीं किया गया था।

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