Rojgar Guarantee Yojana सफलता की कहानी : दुग्ध उत्पादन से अतिरिक्त आमदनी का लाभ ले रहे हैं मनरेगा के लाभार्थी दीपक

Rojgar Guarantee Yojana

Rojgar Guarantee Yojana महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत पक्का पशु शेड बन जाने से उनकी सहूलियतें बढ़ गईं

 

Rojgar Guarantee Yojana कोरिया !   महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अब पंजीकृत श्रमिकों को केवल रोजगार उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है, अपितु यह पंजीकृत श्रमिक परिवारों को अब अकुशल रोजगार से आगे बेहतर आजीविका की ओर ले जाने का कार्य भी कर रही है। ऐसे ही एक कार्य का सुंदर उदाहरण विकासखण्ड बैकुण्ठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत पटना में रहने वाले श्री दीपक के परिवार का है। यह परिवार अब अकुशल श्रम से आगे स्वरोजगार की दिषा में कुछ कदम आगे बढ़ चुके हैं और इस कार्य में मनरेगा के तहत बनने वाले पक्के पशु शेड ने उनकी मदद की है। वह खुद कहते हैं कि अब रोजगार की चिंता खत्म हो गई है, हर महीने आठ से दस हजार रुपए की आमदनी दूध बेचकर हो जाती है इससे उनके परिवार के लिए एक नियमित आय का साधन बन गया है।

Rojgar Guarantee Yojana  इस कार्य की विस्तृत जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी श्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद बैकुण्ठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत पटना में पंजीकृत श्रमिक श्री दीपक का परिवार निवासरत है। उनके परिवार के पास ज्यादा बड़ा मकान ना होने के कारण वह अच्छी तरह से पषुपालन करने में असमर्थ थे। उनके परिवार ने अपने भूमि पर पक्का पशु शेड बनाने का आवेदन ग्राम पंचायत में दिया जिसे ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया।

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Rojgar Guarantee Yojana  इसके लिए एक लाख पचीस हजार रुपए की राशि खर्च कर गत वर्ष इनका कार्य पूर्ण कराया गया। इस निर्माण कार्य में तकनीकी देखरेख  सत्यप्रकाश ने की। इस निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में कार्य करके भी दीपक को चार हजार रुपए का मनरेगा पारिश्रमिक भी प्राप्त हुआ। आज इनके पास दो दुधारू गाय हैं इनसे प्रतिदिन सात लीटर से अधिक दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। इससे दीपक के परिवार को लगभग आठ से दस हजार रूपए प्रतिमाह की अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बन गया है। मनरेगा के हितग्राही दीपक और उनका परिवार अब बेहतर जीवन यापन की दिषा में आगे बढ़ रहे हैं।