Latest Rakhis : बहनों ने बांधी भाइयों के हाथों पर लेटेस्ट राखियां, भाइयों ने आजीवन रक्षा का लिया प्रण, पत्थलगांव शहर में रक्षाबंधन पर दिखी रौनक

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दिपेश रोहिला

Latest Rakhis :  बहनों ने बांधी भाइयों के हाथों पर लेटेस्ट राखियां, भाइयों ने आजीवन रक्षा का लिया प्रण, पत्थलगांव शहर में रक्षाबंधन पर दिखी रौनक

Latest Rakhis :  पत्थलगांव । सहज प्रेम पारस्परिकता और कर्तव्य बोध का अनूठा रक्षाबंधन पर्व सोमवार को देशभर में हर्षोल्लास का साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में पत्थलगांव में भी रक्षाबंधन त्यौहार हो लेकर काफी रौनक देखी जा रही है। जगह जगह सड़कों किनारे लगी राखियों की दुकानों में भारी भीड़ हो रही थी। वहीं बहनें अपने भाइयों के लिए तरह तरह की फैंसी राखियों की खरीददारी करते नजर आ रही।

इस मौके पर जशपुर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि हमारी भारतीय परंपरा में बंधन शब्द प्रतिज्ञा का प्रतीक है। रक्षा सूत्र बांधे जाने के पश्चात भाई को खिलाई जाने वाली मिठाई भी जीवन के दिव्य गुणों की मिठास को बनाए रखने का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने पर्व के लेकर व्याख्यान करते हुए कहा कि इस प्रेम के स्नेह बंधन वाले त्यौहार में थोड़ी चर्चा धर्म ग्रंथों के आधार पर किया जाए तो इस पर्व के पीछे का गहन रहस्य भी सामने आता है। हमारे शास्त्रों में स्कंध पुराण, पद्म पुराण और भागवत की कथा में वामन अवतार का प्रसंग आता है। भागवत कथा के अनुसार दानवेंद्र राजा बलि का अहंकार चूर करने के लिए भगवान हरि ने वामन अवतार लिया और ब्राह्मण के भेष में राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गए। केवल तीन पग भूमि मांगकर भगवान हरि ने अपने तीन पग में आकाश , पाताल और धरती को नाप दिया। कहीं कोई जगह न बचने के बाद उन्होंने राजा बलि को रसातल में भेज दिया। राजा बलि की भक्ति के चलते श्री हरि ने उन्हें वरदान मांगने कहा ।

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Latest Rakhis :   इस पर राजा बलि ने हर वक्त भगवान श्री हरि से उनके सम्मुख रहने का वचन मांग लिया। वचन में फंसे श्री हरि जब बैकुंठ नहीं लौट पाए तो माता लक्ष्मी परेशान हो गई। माता लक्ष्मी को उनके संकट से उबारने देवर्षि नारद ने उपाय बताया और कहा कि आप राजा बलि को राखी बांधकर उपहार में श्री हरि को मांग लो। माता लक्ष्मी ने ऐसा ही किया और श्री हरि को बैकुंठ ले आई। जिस दिन यह सब किया गया वह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। यही कारण है कि प्रति वर्ष श्रावण मास की इसी तिथि को रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है।