किडनी में खराबी आने पर शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। किडनी खराब होने पर डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। ट्रांसप्लांट के लिए किसी व्यक्ति का किडनी डोनेट करना जरूरी है। अकसर सिंगल किडनी डोनेट की जाती है। हाल में एक व्यक्ति ने अपनी दोनों किडनी डोनेट कर दी। कुछ ख़ास परिस्थितियों में ही डबल किडनी डोनेट की जाती है। हालांकि यह आसान नहीं है।
सभी व्यक्ति इस प्रक्रिया में भाग लेकर किडनी डोनेट नहीं कर सकते हैं। इसके लिए कुछ प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। एम्स दिल्ली के सौजन्य से हाल में डायलिसिस से गुजर रही 51 वर्षीय महिला को डबल किडनी मिली। एम्स दिल्ली में इस तरह का पहला डबल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। रेसिपिएंट ने 78 वर्षीय महिला से किडनी प्राप्त की,
जिसे सीढ़ियों से गिरने के कारण सिर में गंभीर चोट लगी थी। डबल किडनी ट्रांसप्लांट के अनुसार, डॉक्टर ने एक साथ दो किडनी प्रत्यारोपित की हैं। विशेष रूप से डायलिसिस से गुजरने वाले और किडनी फेलियर से पीड़ित व्यक्तियों को इससे लाभ मिलता है। जिस महिला के शरीर से किडनी निकालकर दूसरी महिला के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया, उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। वे दोनों महिला आपस में रिश्तेदार थीं। दो किडनी ट्रांसप्लांट करने की वजह यह है कि अधिक उम्र होने की वजह से एक किडनी पर्याप्त नहीं होती।
डबल किडनी ट्रांसप्लांट में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के डोनर की किडनी का उपयोग प्रत्यारोपण के लिए किया जा सकता है। इसे विस्तारित मानदंड दाता किडनी कहा जाता है। अनिवार्य रूप से ईसीडी 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के डोनर या 50 से अधिक उम्र के उन लोगों को संदर्भित करता है, जिनका हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास है। क्रिएटिनिन का स्तर 1.5 के बराबर या उससे अधिक है तो कराना पड़ेगा।