World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया

World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया

World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया

 

World Disability Day : करोड़ों की लागत से बने जिला अस्पताल में विकलांग जनों को अनदेखा किया गया

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World Disability Day : दंतेवाड़ा विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का विकलांग जनों के लिए वरदान साबित होने वाला कृतिम अंग केंद्र मैं नहीं मनाया गया दिव्यांग दिवस यह मामला

दंतेवाड़ा जिला अस्पताल का है जहां करोड़ों की लागत से बने जिला अस्पताल में छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग केंद्र संचालित किया जा रहा है

World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया
World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया

जिसमें छत्तीसगढ़ के कोने कोने से विकलांग जन अपना इलाज कराने पहुंचते हैं और चेहरे पर मुस्कान लिए घर लौटते हैं जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण यह केंद्र विलुप्त होने की कगार पर है

एक तरफ छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ग्रामीण स्तर दिव्यांग व विकलांग जनों के लिए कई योजना संचालित कर उन्हें सुविधा देने की बात कह रहे हैं परंतु दूसरी ओर दंतेवाड़ा जिले में करोड़ों की लागत से

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बना जिला अस्पताल में यह योजना विफल होते नजर आ रही है जिसके जिम्मेदार कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के आला अधिकारी हैं जिनकी वजह से इस कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र का जीर्णोद्धार नहीं हो सका

World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया
World Disability Day : विश्व दिव्यांग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर का कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में नहीं मनाया गया

जबकि दंतेवाड़ा जिले में सीएसआर मद डीएमएफ फंड की कमी नहीं जिसके बावजूद इस कृत्रिम अंग पुनर्वास केंद्र में पुरानी पद्धति से आज भी कार्य किया जा रहा है डॉक्टर के पास ना तो कोई हैंड है ना ही ना ही नई पद्धति के सामान

हर साल इस पुनर्वास केंद्र के नाम से करोड़ों रुपए जिला अस्पताल द्वारा निकाले जाते हैं परंतु कृतिम अंग पुनर्वास केंद्र की दशा जस की तस है

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