Well done Mira Chanu : शाबाश मीरा चानू

Well done Mira Chanu :

अजय दीक्षित

Well done Mira Chanu : शाबाश मीरा चानू

Well done Mira Chanu : शाबाश ! मीराबाई चानू, तुमने एक बार फिर कमाल कर दिया। भारत के नाम स्वर्ण पदक की पुनरावृत्ति और नए कीर्तिमानों के साथ इतिहास की एक और रचना..! तुमने एक बार फिर भारत और तिरंगे को सम्मानित किया।

Well done Mira Chanu : राष्ट्रगान जन गण मन.. विश्व फलक पर फिर गूंज उठा, तो मन गर्व और भावुकता से भर उठा। सलाम है, तुम्हारे हुनर को तुम्हारी तपस्या और समर्पण पर देश बलिहारी है ।

मणिपुर के एक छोटे से गांव की गरीब चानू और टोक्यो ओलिंपिक के बाद राष्ट्रमंडल खेलों की नायिका रजत पदक से स्वर्ण पदक तक का सफरनामा.. तुम्हारी प्रतिभा और खेल लगातार छलकते रहे हैं।

Well done Mira Chanu : तुम्हारे हौंसलों की उड़ान अनंत है। तुम कामयाबियों की मिसाल हो अप्रतिम, अतुलनीय और एकमेव हो। तुम खुद में, खुद के लिए गंभीर चुनौती हो।

तुमने नए मील पत्थर स्थापित किए हैं, तो युवाओं की प्रेरणा भी बनी हो। राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन की स्वर्णिम बेटी यह अभी तो महज एक पड़ाव है। मंजि़लें दूर हैं, बहुत दूर तुम्हारे पांव जमीन से चिपके हैं, यह तुम्हारे व्यक्तित्व की विनम्रता है।

मुस्कान अत्यंत श्वेत और निर्मल है। तुम्हें तो अभी न जाने कितने अध्याय और लिखने हैं। भारोत्तोलन के अपने 49 किलोग्राम वजन वर्ग में मीराबाई चानू अद्वितीय हैं, यह तुमने बार-बार साबित किया है।

 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में तुमने स्वर्ण पदक जीता था, अब 2022 के उन्हीं खेलों में उसकी पुनरावृत्ति की है। अपने सर्वश्रेष्ठ और कॉमनवेल्थ खेलों के नए कीर्तिमान गढ़े हैं तुमने, तो ओलिंपिक के प्रदर्शन का विस्तार भी किया है।

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 मीराबाई ने स्नैच में 88 किग्रा, तो क्लीन और जर्क में 113 किग्रा, यानी कुल वजन 201 किग्रा उठाया है। पहले यह प्रदर्शन 200 किग्रा से कम था।

चानू बिटिया ! तुमने राष्ट्रमंडल का गेम रिकॉर्ड भी नया किया है। मॉरीशस की जिस लडक़ी ने रजत पदक जीता है, वह तुम्हारे लक्ष्य से 29 किग्रा पीछे रही। वाह क्या खेल है हमारी बेटी का?

व्यापक और विराट फासलार! राष्ट्रमंडल खेलों की इस प्रतियोगिता में चानू बेटी ने लगातार तीसरी पदकीय उपलब्धि हासिल की है। 2014 में रजत पदक जीता था, उसके बाद दोनों स्वर्ण पदक ही जीते हैं ।

 देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और अन्य मंत्रियों समेत सभी खेल प्रेमी, मीराबाई के असंख्य फैन, गर्व और गौरव से गदगद क्यों नहीं होंगे? भारत की बेटी 2017 की विश्व चैम्पियनशिप की भी चैम्पियन थीं। क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा वजन उठाने का विश्व रिकॉर्ड भी चानू के नाम दर्ज है।

Well done Mira Chanu : भारोत्तोलन में मीराबाई चानू की सशक्त विरासत सामने आने लगी है, बेशक ये अलग वजन वर्ग के पुरुष खिलाड़ी हैं।

Well done Mira Chanu : बीते शनिवार का दिन भारतीय भारोत्तोलन के ही नाम रहा, जब चानू की स्वर्णिम सफलता के साथ-साथ पुरुषों में संकेत महादेव सरगर ने रजत और गुरुराजा पुजारी ने कांस्य पदक जीते। यदि संकेत दाहिनी कोहनी मुडऩे के कारण चोटिल न होते, तो उनका स्वर्णिम दिन तय था।

Well done Mira Chanu : मलेशिया के जिस मुहम्मद अनिका ने 249 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण जीता है, यह संकेत से मात्र एक किग्रा ही ज्यादा था। इस खेल में आने वाला दौर भारत का है। जिस तरह ओलिंपिक में चानू ने रजत जीत कर भारत का खाता खोला था और यह ओलिंपिक, भारत के लिए सफलतम रहा, लिहाजा चानू की शुरुआत शुभ रहती है।

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अभी तक भारत बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्क्वैश, मुक्केबाजी, पहलवानी आदि खेलों में एकतरफा जीत हासिल कर रहा है। इस यार खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है, लिहाजा दूसरे खेलों के जरिए भारत के प्रदर्शन की भरपाई करनी होगी।

Well done Mira Chanu : हॉकी और क्रिकेट में भी हमें शानदार कामयाबियों को उम्मीद है। ये खेल प्रदर्शन भारत सरकार की नई नीति के नतीजे भी हैं। अब खिलाड़ी का पूरा खर्च सरकार वहन करती है। सफल और पदकीय खिलाडियों के लिए करोड़ों के नकदी इनाम के अलावा सरकारी नौकरी के तोहफे भी हैं।

फिर भी हमें एक लंबा रास्ता तय करना है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, ब्रिटेन, स्कॉटलैंड आदि देश भारत की तुलना में बहुत छोटे हैं, लेकिन पदकों की दौड़ में ये हमसे बहुत आगे हैं। विश्व स्तर पर अमरीका, रूस, चीन, जापान आदि देशों के खेल प्रदर्शन हमसे बहुत बड़े हैं। इनसे सबक सीखते हुए हमें अपनी नीतियों में पर्याप्त संशोधन करने चाहिये ।

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