Train Accident Update : सिग्नल की समस्या, तकनीकी खराबी या फिर आतंकी साजिश ? हादसे के पीछे 5 संभावित कारण
Train Accident Update : भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। 3 ट्रेनों के आपस में टकराने की वजह से हुए इस दर्दनाक हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद हैरान हैं और मौके पर पहुंचकर हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं।
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Train Accident Update : साथ ही रेल मंत्री ने हाई लेवल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इस हादसे में अब तक 280 लोगों की जान जा चुकी है और 900 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं, ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं, रेल एक्सपर्ट इस हादसे के पीछे कई कारण बता रहे हैं।
1- मौसम : तापमान : रेल एक्सपर्ट ने सबसे पहला संभावित कारण तापमान को बताया है। उन्होंने कहा कि देश में गर्मी एक बड़ी समस्या है। जब गर्मी के मौसम में तापमान 40 डिग्री के पार पहुँच जाता है, तो रेल पटरियों पर जोखिम बढ़ जाता है।
क्योंकि, दिन में गर्मी के वक़्त पटरियों का विस्तार होता है और रात में ठंडक के चलते लाइनें सिकुड़ जाती है। इस विस्तार और संकुचन की वजह से कई बार रेल की पटरियों में दरारें आ जाती हैं और यह दुर्घटना का कारण बन सकता है।
2- तकनीकी खराबी : दूसरे कारण में एक्सपर्ट्स कवच की विफलता को हादसे की संभावित वजह मान रहे हैं। दरअसल, कवच भारतीय रेल ट्रैक में इस्तेमाल किया जाने वाला एक डिवाइस है, जो एक ट्रेन को एक निश्चित दूरी पर रुकने में सहायता करता है, जब दूसरी ट्रेन उसी ट्रैक पर आती है।
यदि कोई ट्रेन सेम ट्रैक के ट्रैक पर आती है, तो ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम लागू हो जाता है और ट्रेन वहीं रुक जाती है। लेकिन, शायद इस घटना में ‘कवच’ ने ठीक से काम नहीं किया और हादसा हो गया।
3- सिग्नलिंग प्रोब्लेम : रेल एक्सपर्ट सिग्नलिंग फेल्योर को भी एक कारण मान रहे हैं। उनका कहना है कि नेशनल रेल ट्रैक में सिग्नलिंग अपने-आप होती है, लेकिन इसके बावजूद सिग्नल ऑपरेशन में गड़बड़ी या सॉफ्टवेयर की कोई समस्या आने के चलते सिग्नल फेल हो सकते हैं, जिससे दोनों ट्रेनें एक ही पटरी पर आ सकती हैं और हादसा हो सकता है।
4- फिशप्लेट : एक्सपर्ट्स फिशप्लेट की खराबी को भी हादसे का एक कारण मान रहे हैं। रेल एक्सपर्ट ने कहा है कि फिशप्लेट एक प्लेट है, जो पटरियों के टुकड़ों को आपस में जोड़ती है। यदि फिश प्लेट खुली रह जाती है या फिश प्लेट का कोई नोट-बोल्ट खुला रह जाता है, तो इससे पटरी ढीली हो जाएगी और हादसे का कारण बनेगी।
5- आतंकी साजिश : इन तकनीकी दिक्कतों के अलावा एक्सपर्ट आतंकी साजिश को भी एक संभावित कारण के रूप में देख रहे हैं। क्योंकि, बंगाल में 2010 में ऐसा हो चुका है। उस वक़्त लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस पश्चिम मेदिनीपुर में झाडग़्राम के पास पटरी से उतर गई थी और इस हादसे में 148 लोगों की जान गई थी,
साथ ही 180 लोग जख्मी भी हुए थे। पहले इसे हादसा ही माना जा रहा था, लेकिन जब CBI जांच हुई तो, पता चला था कि माओवादियों ने वहां पटरियों की फिशप्लेट खोल दी थी, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई और हादसा हो गया। इसलिए आतंकी साजिश को भी एक कारण माना जा रहा है, क्योंकि, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़,
आंध्रप्रदेश अभी भी माओवादी प्रभावित क्षेत्र हैं। ऐसे में हो सकता है कि, किसी माओवादी संगठन या अन्य आतंकी संगठन ने इस हादसे को अंजाम दिया हो। हालाँकि, हादसे का वास्तविक कारण क्या है, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।