अभूतपूर्व नगर बंद को मिला व्यापक समर्थन
सूरजपुर । शहर में आज जीएसटी विभाग की कथित मनमानी कार्रवाई के खिलाफ व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सुबह8 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित नगर बंद को अभूतपूर्व समर्थन मिला, जिसमें शहर की सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वस्फूर्त रूप से बंद रहे।
इस बंद के समर्थन में चैम्बर ऑफ कॉमर्स सूरजपुर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), शहर कांग्रेस कमेटी, अग्रवाल समाज, साहू समाज, नगर पालिका जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक संघ, राइस मिलर संघ सहित शहर के तमाम संगठनों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कुलमिलाकर बंद और रैली के बाद व्यापारी संगठनों ने संकेत दिए हैं कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और व्यापक करेंगे। व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि जीएसटी कार्रवाइयों में पारदर्शिता लाई जाए और छोटे व्यापारियों को अनावश्यक परेशान न किया जाए। इस आंदोलन को मिले व्यापक जनसमर्थन ने सूरजपुर में व्यापारी समुदाय की ताकत को एक बार फिर उजागर किया है।
जीएसटी कार्रवाई से व्यापारी नाराज, प्रशासनिक आतंकवाद का आरोप
यह विरोध प्रदर्शन अम्बिकापुर में जीएसटी विभाग की हालिया कार्रवाइयों के जवाब में शुरू हुआ, जहां व्यापारियों ने इसे ‘प्रशासनिक आतंकवाद’ करार देते हुए रविवार को एक दिवसीय बंद का आयोजन किया था। अम्बिकापुर के इस सफल बंद के बाद आज सूरजपुर के व्यापारियों ने भी उसी तर्ज पर अपनी आवाज बुलंद करने का फैसला किया। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग की ओर से बिना उचित जांच और सूचना के की जा रही छापेमारी और कार्रवाइयों से छोटे और मध्यम व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है, जिससे व्यापारिक समुदाय में रोष व्याप्त है।
रैली और ज्ञापन के जरिए दर्ज किया विरोध
नगर बंद के बाद व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से एक विशाल रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार इजरायल खान को सौंपा। ज्ञापन में जीएसटी विभाग की कार्रवाइयों को तत्काल रोकने, व्यापारियों के साथ परामर्श कर नीतियां बनाने और कार्रवाइयों में पारदर्शिता बरतने की मांग की गई। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी कर अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
संगठनों की एकजुटता ने बढ़ाया आंदोलन का दम
इस आंदोलन की खास बात रही विभिन्न संगठनों की एकजुटता। इस दरम्यान व्यापारियों ने कहा, “जीएसटी विभाग की कार्रवाइयां व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। हम चाहते हैं कि सरकार व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर नीतियां बनाए।” वहीं, कैट के प्रतिनिधि ने इसे व्यापारी समुदाय के सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई करार दिया। शहर कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि व्यापारी समाज की रीढ़ हैं और उनकी अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अग्रवाल समाज और साहू समाज के प्रतिनिधियों ने भी इस बंद को पूर्ण समर्थन देते हुए इसे व्यापारी एकता का प्रतीक बताया। वहीं दूसरी तरफ व्यापारी समुदाय अब सरकार और जीएसटी विभाग के अगले कदम का इंतजार कर रहा है। सूरजपुर के इस अभूतपूर्व बंद ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे क्षेत्र में व्यापारियों के असंतोष को रेखांकित किया है। आने वाले दिनों में इस आंदोलन का स्वरूप और व्यापक होने की संभावना है।