नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आतंकवाद निरोधी सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ 360 डिग्री रणनीति के तहत निर्णायक कार्रवाई की जाएगी और एक अभेद आतंकवाद निरोधी ग्रिड हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच बेहद सटीक, व्यापक और सफल रही है। यह जांच आने वाले समय में दुनिया की प्रमुख जांच एजेंसियों के लिए अध्ययन का विषय बनेगी। उन्होंने कहा कि इस जांच के नतीजे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि बायसरण घाटी में हुआ आतंकी हमला देश को झंझोड़ देने वाला था। आतंकियों का उद्देश्य देश के सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना, कश्मीर में शुरू हुए विकास के नए दौर और पर्यटन को बाधित करना था। उन्होंने बताया कि सटीक खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि यह पहली आतंकी घटना है, जिसमें हमले की साजिश रचने वालों को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दंडित किया गया और आतंकियों को ऑपरेशन महादेव के तहत मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में भारत सरकार, सुरक्षाबलों और जनता की एकजुटता ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ मजबूत जवाब दिया है।
दिल्ली में हुए विस्फोटों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन मामलों की उत्कृष्ट जांच की है। उन्होंने कहा कि पहलगाम और दिल्ली विस्फोट मामलों की जांच सामान्य पुलिसिंग नहीं, बल्कि वाटरटाइट इन्वेस्टिगेशन का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाता है कि सतर्कता और समर्पण से बड़े संकटों को टाला जा सकता है।
अमित शाह ने कहा कि डीजीपी कॉन्फ्रेंस, सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी कॉन्फ्रेंस, एनकॉर्ड बैठक और आतंकवाद निरोधी सम्मेलन के बीच समन्वय, सहयोग और संवाद के नए मानक स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक कॉमन एटीएस स्ट्रक्चर तैयार कर राज्यों की पुलिस को भेजा है, जिससे पूरे देश में समान स्तर की तैयारी संभव हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि देशभर की पुलिस के लिए एक समान एटीएस स्ट्रक्चर अत्यंत आवश्यक है और सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को इसका शीघ्र अनुपालन करना चाहिए। जांच प्रक्रिया में नेटग्रिड और निदान जैसे प्लेटफॉर्म के उपयोग से न केवल मामलों की गहराई से जांच होती है, बल्कि अदृश्य कड़ियां भी सामने आती हैं।
गृह मंत्री ने मल्टी एजेंसी सेंटर और नेशनल मेमोरी बैंक में सक्रिय भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी के बिना खतरे का सही आकलन, प्रभावी खुफिया साझाकरण और समन्वित कार्रवाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच से लेकर अभियोजन और काउंटर एक्शन तक एकरूपता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
अमित शाह ने कहा कि साइबर और सूचना युद्ध, आर्थिक नेटवर्क के दुरुपयोग और आतंकवाद के हाइब्रिड स्वरूप से निपटने के लिए एक सशक्त, सतर्क और त्वरित प्रतिक्रिया देने वाला राष्ट्रीय तंत्र विकसित करना होगा। इसके लिए मल्टी-लेयर सुरक्षा मॉडल और आतंकवाद के खिलाफ कठोर दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अब नीड टू नो की जगह ड्यूटी टू शेयर की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। अलग-अलग एजेंसियों द्वारा विकसित तकनीक और एकत्र डेटा अगर आपस में जुड़ा न हो तो वह प्रभावी नहीं होता। इसके लिए गृह मंत्रालय, एनआईए और आईबी को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर एक निर्बाध तकनीकी और डेटा ढांचा विकसित करना चाहिए, ताकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और अधिक मजबूत हो सके।