सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। जिला अस्पताल की अनुपलब्ध सेवाओं और समय पर इलाज न मिलने के कारण जच्चा-बच्चा दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतिका सूरजपुर के लांछा गांव की रहने वाली थी। घटना के बाद से परिजन ही नहीं, बल्कि पूरे गांव में आक्रोश और मायूसी का माहौल है।

परिजनों ने आरोप लगाया है कि गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में उचित देखभाल और डॉक्टर की उपलब्धता न होने के चलते गंभीर हालत में भी सही उपचार नहीं मिल पाया। बताया गया कि अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं थे, जिसके कारण मरीज को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि रेफर करने से पहले भी अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही बरती और स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया।
सुबह करीब 5 बजे जब परिजन गर्भवती महिला को अस्पताल से अंबिकापुर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में महिला का प्रसव हो गया। प्रसव के तुरंत बाद नवजात की मौत हो गई। परिजन किसी तरह महिला को लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने प्रसूता को भी मृत घोषित कर दिया। दो मौतों से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर जिला अस्पताल में समय पर डॉक्टर मिल जाते और आवश्यक उपचार उपलब्ध होता, तो शायद दोनों की जान बच सकती थी। इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों और परिजनों ने मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। प्रशासनिक स्तर पर भी घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई गई है, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है।