बीजापुर। छत्तीसगढ़ के आवापल्ली (चिन्तकोंटा) कन्या आवासीय विद्यालय में 6वीं कक्षा की छात्रा कुमारी नागमणी की 15 दिसंबर को इलाज के दौरान मौत का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। इस घटना के बाद न केवल स्थानीय लोगों में नाराजगी है, बल्कि प्रशासन और राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं।

जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चार सदस्यीय जिला स्तरीय जांच समिति गठित की है। समिति के संयोजक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उसूर हैं, जबकि सदस्य विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और खण्ड स्रोत समन्वयक हैं। समिति को आदेश दिया गया है कि पाँच दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि घटना के कारणों का पता चल सके और आगे की कार्रवाई तय की जा सके।

वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने भी इस मामले को लेकर सात सदस्यीय जांच समिति बनाई है। इसके संयोजक हैं जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश कारम, और अन्य सदस्य में जनपद पंचायत सदस्य मनोज अवलम, सरस्वती वासम, वरिष्ठ इंका नेता रत्ना सोढ़ी और इंका नेता राजेश वासम शामिल हैं। कांग्रेस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि घटना की जांच पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो।

जानकारी के अनुसार, छात्रा नागमणी पिता भीमा की 15 दिसंबर को इलाज के दौरान मौत हुई। छात्रा स्कूल में नियमित रूप से पढ़ाई कर रही थी और हादसे के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल सका है।
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है। कई लोगों का कहना है कि यह घटना केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली में मौजूद खामियों की ओर भी इशारा करती है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन और राजनीतिक दल द्वारा गठित जांच समितियां किस प्रकार घटना की जांच करती हैं, और क्या इस पर सख्त कार्रवाई होती है या रिपोर्ट सिर्फ औपचारिकता भर बनकर रह जाती है।
छात्रा की मौत के मामले ने प्रदेश में शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।