The inauguration of Mahakal Lok महाकाल लोक का लोकार्पण

The inauguration of Mahakal Lok

राजेश बैन

Mahakal Lok शिव और गौरी पुत्र भगवान गणेश यानी सबकी चिंता हरते हैं सीहोर के चिंतामन गणेश

Mahakal Lok आगामी 11अक्टूबर को बारह ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जयिनी के बाबा महाकाल के महाकाल लोक परिसर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश को समर्पित करेंगे। ऐसे में शिव और गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश का उल्लेख नहीं हो संभव ही नहीं है।भोपाल संभाग के जिले सीहोर के भगवान चिंतामन गणेश मंदिर के प्रति देश वासियों की अगाध श्रद्धा सर्वविदित है।

Mahakal Lok  सीहोर का चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में गणपति के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह चिंतामन गणेश भारत में स्थित चार स्वयंभू मूर्तियों में से एक माने जाते हैं। सीहोर के गणपति के बारे में कहा जाता है कि भगवान गणपति आज भी यहां साक्षात मूर्ति रूप में निवास करते हैं। इस मंदिर की स्थापना दो हजार साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने की थी। यह किवदंती प्रचलित है कि महाराजा विक्रमादित्य को गणपति की यह मूर्ति स्वयं गणेश जी ने ही दी थी। यह भी मान्यता है कि भगवान गणेश विक्रमादित्य के पूजन से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए और मूर्ति स्वरूप में स्वयं यहां स्थापित हो गए।


Mahakal Lok  चिंतामन गणेश की देशभर में चार प्रतिमाएं एक राजस्थान के रणथंभौर में, दूसरी उज्जैन में, तीसरी गुजरात के सिद्धपुर में तथा चौथी सीहोर में स्थित है। स्वयंभू प्रतिमा जमीन में आधी घंसी हुई है। चिंतामन गणेश मंदिर भोपाल से 40 किमी दूर सीहोर जिले में पार्वती नदी के किनारे में गोपालपुर गांव में स्थित है। चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर 84 गणेश सिद्ध मंदिरों में से एक है। गणेश मंदिर पेशवाकालीन श्रीयंत्र के कोण पर बना हैं। जिसमें गर्भगृह में भगवान शिव बिराजे है वहीं भव्य शिखर के साथ अंबिका मां दूसरे शिखर पर दुर्गा मां और मां शारदा आरूढ़ है। भगवान राधाकृष्ण जी के साथ ही वैदिक मंगल कलश, ऊपर पवित्र सुन्दर सभा मंडप, नीचे सभा मंडप और परिक्रमा व्यवस्था है, बगल में विशाल वट वृक्ष पर अनेक देवी देवता विराजे है, वहीं पीछे शीतला माता भैरवनाथ सामने हनुमान जी का मंदिर है।

Mahakal Lok  जनश्रुति के अनुसार जब भी महाराजा विक्रमादित्य पर कोई संकट आता था तब वे सिद्धपुर गणेश जी की शरण में आया करते थे और भगवान गणेश उन्हें सभी संकटों से मुक्त कर देते थे। तभी से निरंतर लोग यहां अपनी समस्याओं, परेशानियों को लेकर आते हैं। वे गणेश जी से अपनी चिंता दूर करने की मन्नत मांगते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु मंदिर के पिछले हिस्से में उल्टा स्वाष्तिक बनाकर मन्नत रखते हैं और पूरी हो जाने पर दोबारा आकर उसे सीधी बनाते हैं।

Mahakal Lok गणेश उत्सव के बाद भी यहां सालभर देश-विदेश से आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। सीहोर में हर साल गणेश उत्सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर दस दिनों तक यहां विशाल मेला लगता है। चिंतामण गणेश मंदिर दर्शन के लिए सुबह सूर्योदय से रात्रि नौ बजे तक खुला रहता है। प्रसाद के रूप में गणपति को यहां मोदक चढ़ाया जाता है। यहां दुकानदार विशाल आकार के मोदक बनाते हैं।

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