:रमेश गुप्ता:
रायपुर। नवरात्रि पर्व पर केन्द्रीय जेलों में भी माता की आराधना का उत्सव मनाया जा रहा है।
राजधानी रायपुर, दुर्ग,अंबिकापुर व जगदलपुर के सेंट्रल जेलों में बंदियो द्वारा
नवरात्रि व्रत किया जा रहा है। चारों जेलों में 1592 से ज्यादा बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है।
सबसे ज्यादा रायपुर सेंट्रल जेल में कुल 802 बंदियों ने व्रत रखा है।
वहीं दुर्ग में 322 तो जगदलपुर में 238 अंबिकापुर में 230 बंदी नवरात्रि पर
व्रत धर्म निभा रहे हैं। इनमें पूरे नौ दिन व तीन का व्रत रखने वाले शामिल हैं।
केन्द्रीय जेल रायपुर में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। केन्द्रीय जेल रायपुर परिसर में ही मूर्तिकार बंदियों द्वारा मिट्टी से माँ दुर्गा की 03 प्रतिमाएं तैयार की गई। 1 प्रतिमा महिला जेल तथा 02 प्रतिमा पुरूष जेल में स्थापित कर विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। माँ दुर्गा की उपासना के लिए केन्द्रीय जेल रायपुर में कुल 802 बंदियों ने व्रत रखा है, जिसमें से महिला प्रकोष्ठ में 31 महिला बंदियों ने 03 दिवस तथा 49 महिला बंदियों ने 09 ‘दिन का व्रत रखा है। इसी प्रकार पुरूष प्रकोष्ठ में कुल 722 बंदियों ने 09 दिन का व्रत रखा है।

जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने बताया कि जेल प्रशासन ने बंदियों हेतु पूजन सामग्री व उनके फलाहार हेतु दूध, केला, फल्ली दाना व गुड़ की व्यवस्था की है। बंदियों द्वारा रखे गये इस सामूहिक व्रत से जेल परिसर में गहन भक्ति और सकारात्मक उर्जा संचारित हो रही है। पूजा पंडाल को पुष्प सज्जा, रंगोली एवं दीपों से अलंकृत किया गया है। माँ दुर्गा की स्तुति में बंदियों द्वारा प्रतिदिन भजन-कीर्तन, दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसे धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन बंदियों में मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति प्रदान करते है, बल्कि उनमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित करते है। नवरात्रि का यह पर्व केन्द्रीय जेल रायपुर में आस्था, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम है।
दुर्ग में 206 पुरुष बंदियों ने रखा 9 दिन का उपवास
दुर्ग सेंट्रल जेल में इस साल 322 बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है। जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस बार दुर्ग सेंट्रल जेल में व्रत रखने वाले पुरुष बंदियों की संख्या कुल 296 है। इनमें से 206 पुरुष बंदियों ने पूरे 9 दिनों का व्रत रखा है। वहीं 92 पुरुष बंदी ऐसे हैं जिन्होंने पहले दिन व्रत रखा और इसके बाद पंचमी व अष्ठमी में व्रत का संकल्प लिया है। इसी प्रकार सेंट्रल जेल में बंद कुल 24 महिला बंदियों ने मातारानी का व्रत रखा है। इनमें से 15 महिला बंदियों ने पूरे 9 दिन व 9 बंदियों ने 3 दिन का उपवास रखा है। इस प्रकार कुल 322 बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है।

जगदलपुर में 238 बंदियों ने रखा व्रत
इसी प्रकार केन्द्रीय जेल जगदलपुर में नवरात्रि का व्रत रखने वाले बंदियों की संख्या 238 है। यहां पर 210 पुरुष व 28 महिला बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रख मां की आराधना कर रहे हैं। व्रत रखने वाले बंदियों के लिए फलाहार की व्यवस्था जेल प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। व्रत रखने वाले बंदियों के लिए केला, सेब, अंगूर, अनार सहित दूध व दही का इंतजाम जेल प्रबंधन कर रहा है।

अंबिकापुर जेल में 199 पुरुष और 31 महिलाएं कर रही हैं नवरात्र का व्रत
अंबिकापुर केंद्रीय कारागृह में इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में आस्था का अलग ही रंग दिख रहा है। यहां कैदी व जेल प्रशासन द्वारा कारागृह परिसर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। कैदियों द्वारा बड़े ही आकर्षक तरीके से पूजा पंडाल बनाया गया है और सजावट की गई है।
यहां के कैदी भक्ति भाव में डूबकर मां दुर्गा की आराधना कर रहे है और उपवास रखकर अपने जीवन में आध्यात्मिक शुद्धि का अनुभव कर रहे हैं। 230 कैदी, जिसमें 199 पुरुष और 31 महिलाएं शामिल हैं जो कि नवरात्र का व्रत रख रहे हैं।
जेल अधीक्षक अक्षय सिंह राजपूत ने बताया कि व्रत रखने वाले कैदियों को फल, दूध मखाना, साबूदाना, और अन्य उपयुक्त व्रत सामग्री प्रदान की जा रही है। जेल कैंटीन में भी विशेष पूजा-सामग्री उपलब्ध कराई गई
