:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- सिक्ख धर्म के धर्मगुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी
के 350 साला शहीदी शताब्दी व कीर्तन यात्रा का आगमन
नगर में अपने निर्धारित समय मे हुआ । सरायपाली सिक्ख समाज के साथ ही
नगर के विभिन्न धर्मों से जुड़े नगरवासियो द्वारा नगर के बाहर से सारंगढ़ से
आ रहे इस शहीदी शताब्दी व कीर्तन यात्रा के आगे आगे
पंचप्यारों का स्वागत करते हुए नगर प्रवेश कराया गया ।

छत्तीसगढ़ सिक्खसमाज द्वारा धर्मगुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350 साला शहीदी दिवस व कीर्तन यात्रा का स्वागत छत्तीसगढ़ पदार्पण पर पड़ने वाले मार्ग में सादगी के साथ स्वागत किये जाने पूर्व में सभी सिक्ख समाज प्रमुखों से इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक सफल व यादगार बनाये जाने हेतु विगत 15 सितंबर को छत्तीसगढ़ सिक्ख समाज व अल्प संख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा के साथ एक सामाजिक प्रतिनिधि मंडल सरायपाली आया था व स्थानीय श्री गुरुद्वारा में सामाजिक बैठक कर तैयारीयो के लिए दिशा निर्देश दिया गया था ।

शहीदी दिवस व कीर्तन यात्रा को समर्पित इस कीर्तन यात्रा व शहीदी यात्रा का सर्वप्रथम झिलमिला स्थित श्री गुरुद्वारा में पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया । एक वाहन को पूरी तरह फूलों से सजाया गया था जिसमे श्री गुरु तेगबहादुर सिंह जी के जीवन पर आधारित तैलचित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया गया तो वहीं सुसज्जित स्थान पर पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब को स्थापित किया गया था ।

झिलमिल स्थित श्री गुरुद्वारा में पूजा अर्चना पश्चात यह यात्रा नगर भ्रमण कर श्री गुरसिंघ सभा गुरुद्वारा पहुंची जहां सभी लोगों ने पुष्पवर्षा कर मत्था टेककर स्वागत किया गया । झिलमिला से श्री गुरूसिंघ सभा गुरुद्वारा तक सिंक्ख समाज के सदस्यों द्वारा एक ही कॉमन ड्रेस सफेद कपड़े व केसरिया रंग की पगड़ी पहने 2 किलोमीटर तक पैदल चलते हुवे मुख्य गुरुद्वारा पहुंचे । मार्ग में विभिन्न समाज के लोगो ने सभी का पुष्पों से स्वागत करते हुवे जलपान व शर्बत की व्यवस्था की गई थी ।

मुख्य आयोजन गुरुद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा मे आयोजित किया गया । जहां सादगी पूर्ण माहौल में यात्रा का स्वागत किया गया । शबद कीर्तन के साथ साथ अरदास की गई । इस दौरान सभी शहीदों को देश व समाज के लिए दिए गये बलिदानों को श्रद्धाभाव व प्रेम के साथ याद किया गया । अंत मे लंगर का आयोजन किया गया ।
लगभग 2 घंटो तक रुकने के पश्चात इस कीर्तन यात्रा को ससम्मान नगर के घंटेश्वरी मंदिर तक छोड़ने के लिए भारी संख्या में लोग उपस्थित थे ।इस अवसर पर श्री गुरूसिंघ सभा के नवनिर्वाचित पदाधिकारीयों के साथ साथ सभी सिंक्ख समाज के लोग उपस्थित थे ।