Teachers Day Special Story : रिटायरमेंट सेवा के बाद भी कर रहे समाज को जागरूक, बच्चों को दे रहे निःशुल्क शिक्षा…..आइये देखे VIDEO

Teachers Day Special Story :

धनेन्द्र

Teachers Day Special Story : रिटायरमेंट सेवा के बाद भी कर रहे समाज को जागरूक, बच्चों को दे रहे निःशुल्क शिक्षा

 

 

Teachers Day Special Story :  कोंडागांव !  लोग शासकीय कार्यों से रिटायरमेंट के बाद आराम तलाक की जिंदगी जीना चाहते हैं और अपने परिवार के साथ रहते हैं पर एक ऐसे शिक्षक हैं जो रिटायरमेंट के बाद भी परिवार से दूर हैं अपने कार्य को पेशा नहीं पूजा समझ कर बच्चों को निशुल्क शिक्षा ज्ञान दे रहे हैं ।

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कोंडागांव जिले के फरसगांव नगर के बिश्राम सिंह भास्कर शासकीय शिक्षक के पद से रिटायर होने के बाद भी सालों से छात्रों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं । शिक्षक होने के दौरान ही नहीं, रिटायर होने के बाद भी उसी शाला में नियमित शैक्षणिक सेवा निस्वार्थ भाव से निःशुल्क शिक्षा देते आ रहे हैं। सेवानिवृत्त के बाद वे लगातार 7 वर्षो से बच्चो को शिक्षा देकर ज्ञान की अलख जगा रहे हैं, जो आदर्श विद्यालय के बच्चों के अब आदर्श बन गए हैं । सरकारी दस्तावेजों में भास्कर सर सेवानिवृत्त जरूर हुए हैं लेकिन मन से आज तक रिटायर नहीं हुए । लालच और नाम को दरकिनार करते उसी शाला में सेवाएं देकर बच्चों का भविष्य गढ़ अनूठी प्ररेणा और मिसाल पेश कर रहे हैं। वे बच्चों को खेलकूद, प्रतियोगिताएं और विद्यालय में गार्डन हराभरा करने के लिए भी प्रेरित करते रहते हैं।

 

बी.एस. भास्कर उम्र 68 वर्षीय कांकेर जिले के अभनपुर निवासी है, जो वतर्मान में फरसगांव में निवासरत है । उन्होंने बताया कि वे फरसगांव के आदर्श विद्यालय में अप्रैल सन 1981 में सहायक शिक्षक के पद में पदस्थ हुए। जिन्होंने इसी स्कूल में 38 साल तक सेवा देने के बाद उच्च श्रेणी शिक्षक के हिंदी व्याख्याता के पद पर पदस्थ रहते हुए अप्रैल 2018 को इसी स्कूल से सेवानिवृत्त हुए। जिसके बाद से वे 7 वर्ष हो गये इसी स्कूल में बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं । उन्होंने बताया कि वे इस दौरान 15 साल तक छात्रावास अधीक्षक भी रह चुके हैं ।

स्कूल और बच्चो से है बहुत लगाव

आदर्श विद्यालय से अपनी शासकीय नौकरी के प्रारम्भ कर इसी विद्यालय से ही सेवानिवृत्त हुए। 38 साल की सेवा में उनका स्कूल और बच्चो से बहुत लगाव बढ़ गया ,स्कूल के साथ 15 साल तक छात्रावास अधीक्षक रहे हमेशा बच्चो के बीच मे रहे हैं । इसलिए उनका बच्चो से बहुत लगाव है । वे आज भी दिन में एक बार छात्रावास में जाकर छात्रों का हाल चाल जानते हैं , उन्हें पढ़ाई और रहन सहन को लेकर चर्चा करते हैं । वे अभी 68 साल के है वे चाहते हैं कि उनकी जिंदगी इसी तरह बच्चो को पढ़ाने में बीत जाए जब तक के अपने तन मन से सक्ष्म है तब तक बच्चो को इसी तरह पढ़ाते रहेंगे ।

–विद्यालय व बच्चो के लिए बने आदर्श– प्राचार्य

Teachers Day Special Story :  आदर्श विद्यालय के प्राचार्य बी के अठभैया कहते हैं कि यह स्कूल का सौभाग्य है कि ऐसे उत्कृष्ट शिक्षक मिले हैं जो सेवानिवृत्त के बाद भी निःशुल्क में सेवा दे रहे हैं, ऐसे शिक्षक का मिलना स्कूल के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। भास्कर सर स्कुल के लिए आदर्श हैं ।

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शिक्षक को कहना है कि भास्कर सर सभी स्टाप के साथ अच्छी सामंजस्य बना कर चलते हैं दुःख सुख हमेशा खड़े होते हैं व्यक्तित्व धनी हैं

 

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