रायपुर जेल में आदिवासी नेता की संदिग्ध मौत…विधायक सावित्री मंडावी ने की न्यायिक जांच की मांग

: अनूप वर्मा:

चारामा-ब्लॉक आदिवासी समाज के पुर्व अध्यक्ष एव जनपद के पुर्व अध्यक्ष जीवन ठाकुर की संदिग्ध अवस्था में रायपुर जेल में गुरुवार की रात मौत हो गई।
लेकिन उनके मौत की सूचना जेल विभाग द्वारा मृत्यु के 18 घंटे बाद और समाचार लिखे जाने तक उनके परिजनो को नहीं दी गई। और उनकी मौत पुरी तरह से संदेह के दायरे में आ रहा है। क्योकि उन्हे बिना परिवार की सुचना और अनुमति के उन्हे कांकेर जेल से रायपुर जेल शिफट कर दिया गया था, जबकि उनका स्वास्थ्य पुर्व से ही खराब चल रहा था।

विदित हो कि जीवन ठाकुर वन भुमि के मामले में बीते कुछ महिनो से जिला जेल कांकेर में बंद थे, और उनका मामला न्यायलय में विचाराधीन था। बीते कुछ दिनो से उनकी तबियत खराब थी, जिसकी जानकारी परिवार और के लोगो को लगने के बाद लगातार उन लोगो के द्वारा जिला जेल कांकेर की जेलर को उन्हे अस्पताल में भर्ती करने की माँग की जा रही थी, लेकिन उन्हें भर्ती नही किया गया, जबकि बिमार होने के बावजुद उन्हे कांकेर जेल से रायपुर जेल ले जाने की बात कही जा रही थी, जिस पर 29 नवम्बर को भी परिवार और समाज के द्वारा उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हे कही न ले जाने और अस्पताल में भर्ती कराने की मॉग की थी, लेकिन न ही उन्हे ईलाज हेतु अस्पताल में भर्ती किया गया, बल्कि 02 दिसम्बर को बिना परिवार को सुचना दिये या अनुमति लिये उन्हे कांकेर जेल से रायपुर जेल ले जाया गया, जहाँ 03 दिसम्बर की रात में उनकी मौत जेल में होने की जानकारी मिली। जिन्हे 04 दिसम्बर की सुबह मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया।

लेकिन घटना के बाद भी उनके मृत्यु की सुचना उनके परिवार को नहीं दी गई। क्योकि 02 दिसम्बर से जीवन ठाकुर कांकेर जेल से नदारद थे, परिवार और आदिवासी समाज 02 दिसम्बर से ही उनके बारे में लगातार जेलर से पुछताछ कर रहा था, ऐसे में उनके मेकाहारा में मृत अवस्था में होने की जानकारी किसी के माध्यम से समाज को मिली, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार का कोई खुलासा नहीं किया गया। उनके संदिग्ध मौत पर सर्व समाज के लोग न्यायिक जाँच की मॉग करने की योजना बना रहे है। लेकिन इस पुरी घटना में कांकेर और रायपुर जेलर दोनो की भुमिका सबसे ज्यादा संदेह के दायरे में आ रही है। वही इस घटना की खबर मिलते ही कांग्रेस और आदिवासी समाज के लोग क्षेत्र विधायक श्रीमती सावित्री मांडवी के निवास पर पहुंचे जहां सभी के बीच इस तरह अचानक घटना सामने आने और मामले में प्रशासन की लापरवाही पर चर्चा हुई,

इ स इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी ने कहा कि जीवन ठाकुर की जेल में निधन कई सवालों को जन्म देती है इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि कांकेर जेल से रायपुर जेल किसके आदेश से भेजा गया था तबियत खराब होने के बाज़जूद हॉस्पिटल में एडमिट क्यों नहीं किया गया । कांकेर से रायपुर भेजने की सूचना परिवार वालों को क्यों नहीं दी गई ।


इन सब बातों से साफ ज़ाहिर की कांग्रेस और आदिवासी समाज के पदाधिकारी होने के कारण सरकार के दुर्भावना पूर्वक कार्यवाही के कारण जीवन ठाकुर की मौत हुई है जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है इसमें दोषियों के ऊपर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए नहीं तो कांग्रेस पार्टी और आदिवासी समाज सरकार के विरुद्ध उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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