नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और हटने को लेकर उठ रहे विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आधार कार्ड को स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल करने की अनुमति दी है।
चुनाव आयोग ने अब तक नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 11 दस्तावेजों की सूची तय की थी। इस सूची में अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार कार्ड भी जोड़ दिया गया है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि आधार को नागरिकता प्रमाण पत्र नहीं माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग चाहे तो आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता की जांच कर सकता है। इस फैसले से उन मतदाताओं को राहत मिलेगी जिनका नाम मतदाता सूची से बाहर होने की आशंका जताई जा रही थी।