sukma latest news सफल बाईक रैली से कई नेताओं को खिसकती नजर आ रही अपनी राजनीतिक जमीन – महेश
sukma latest news सुकमा ! एआईएसएफ प्रदेश अध्यक्ष महेश कुजाम ने कवासी हरीश के भाकपा के रैली सम्बंध विरोधास्पद बयान का पलट वार करते हुए कहा की भाकपा की मोटर साईकिल रैली की सफलता के बाद से हमे मालूम था कि कही ना कही इस महारैली से आग लगेगी। पर आग इतनी जल्दी लगेगी अंदाजा इस बात का नही था। दरअसल ज्ञात हो की सुकमा के राजनीतिक इतिहास मे इतनी सफल बाईक रैली कभी नही निकली थी ! जिसका नेतृत्व भाकपा नेता मनीष कुंजाम कर रहे थे !
जिसमे सभी का कृया- प्रति कृया तो आना ही था लेकिन इतनी दुर्भावना जनक टिप्पणी की हम कल्पना नही किए थे बिते दिनो पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में मोटर साईकिल रैली का आयोजन किया गया था जो विरोधियों में इसका विरोध इस कदर दिखा खासकर मंत्री कवासी लखमा के पुत्र पर इसका अच्छा खासा असर हुआ है। वैसे तो इनकी बातों को ज्यादा गंभीरता से हमारी पार्टी नही लेती है पर इनको आईना भी दिखाना जरूरी था।
पोलावारम को लेकर निष्क्रियता का आरोप गलत
श्री महेश ने कहा की मनीष कुंजाम पर पोलावरम को लेकर निष्क्रियता का आरोप लगाने से पहले इतिहास भी पलटकर देख लेते मंत्री पुत्र वैसे मंत्री पुत्र हरीश कवासी का जब जन्म भी नही हुआ था तब से मनीष कुंजाम राजनीति कर रहे है। हमारा सवाल मंत्री कवासी लखमा से है कि कितनी बार सिलगेर कांड से प्रभावित लोगो को दर्द जानने धरना स्थल व उनके ग्राम तक गये थे। आज मंत्री बन कोन्टा ब्लाॅक के अंदरूनी क्षेत्र में लंबे चौडे़ काफिलो के साथ घुम रहे है इससे पहले इस क्षेत्र मे कितनी बार आए मंत्री साहब बताइए आदिवासियों का दर्द बांटने गये थे, जब विधायक थे कवासी लखमा तब कुछ मंचो पर जरूर पोलावरम के बारे में अनाप शनाप बोलते रहे होंगे लेकिन मंत्री बनने के बाद उनकी जुबान को ताला क्यों लग गया।
उन वादो का क्या हुआ
2018 के चुनाव के समय आप वादा किऐ थे कि जेल में नक्सल मामलों में बंद आदिवासियों को रिहा करायेंगे, अब तक कितने आदिवासियों को उन्होने रिहा कराया उसकी सुचीसार्वजनिक करे। जेल तोड़ कर आदिवासियों को न्याय दिलाने की बात कहने वाले आज कहां गये।
जिला निर्माण सहित अन्य कार्यो मे बाप बेटा का 10 से 20 फीसदी कमीशन, भाषणों मे खुद का पाक साफ कहते फिरते है तो फिर सुकमा मे करोड़ो रूपये का आलीशान बंगला व करोड़ो की भूमि खुद व कई कांग्रेस के पदाधिकारियों के नाम से खरीदी गई है उसका भी जवाब जनता चुनाव में मांगेगी।कोन्टा ब्लांक में तेंदूपत्ता मे करोड़ो रूपयों का मुआवजा व मजदूरी आज भी बाकी है इस पर क्यों खामोश है।
भाषणों मे तो बहुत बोलते है मंत्री जी की जो भी गलत करेगा उस पर कार्यवाही होगी। कही इस खेल मे मंत्री तो शामिल नही है। जगदलपुर से सुकमा तक एनएच 30 का खस्ताहाल व जर्जर अवस्था में है इस पर क्यों खामोश है मंत्री कवासी लखमा इसका जवाब भी दे। जिला निर्माण में करोड़ो रूपये का घोटाला हुआ है, जगरगुण्डा, दुब्बाटोटा सहित ऐसे कई कार्यहै जो हुए ही नही और राशि कांग्रेसियों के द्वारा निकाल ली गई। इस पर क्यों चुप्पी साधे बैठे है मंत्री व मंत्री पुत्र कवासी हरीश लखमा।
पोलावरम् बाॅध से बाढ़ प्रभावात पीडित लोगो की न्याय के लिए सीपीआई ने सैकडों मोटरसाईकिल रैली के माध्यम से वर्तमान कांग्रेस सरकार व स्थानीय विधायक व मंत्री को चेताने के लिए सुकमा से कोन्टा तक यात्रा से डर कर मंत्री पुत्र हरीश कवासी ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सीपीआई को राजनीतिक प्रोपेगेंडा बोलने कि कोशिश कर रहा है !
हमारा सवाल है कि पोलावरम् डेम जब चालू हुआ तब से प्रभावित होने की अंदेशा से लोग विरोध करने लगे तब भी लखमा विधायक रहे, और गुम गुम कर सभाओ मे भाषण दे रहे थे कि जब तक मै हुं तब तक पोलावरम् बनने नही दुंगा कोन्टा के लोगो को प्रभावित होने नही दूगां करके लोगो के साथ राजनीतिक खेल रहे खेल रहे थे, ये क्या राजनीतिक नही था? अब तो पोलावरम बन गया है क्यों छुप है, अब तो सरकार मे है लखमा मंत्री भी है !
इसका जिम्मेदार क्या मंत्री कवासी लखमा को नही है क्यों छुप बैठे है, सच यही है कि लखमा केवल लोगो को अब तक राजनीतिक जाल मे फंसा कर वोट कि राजनीति करते रहे और कर है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा की लखमा जी को भी याद है पोलावरम डेम तत्कालीन केन्द्र की काग्रेस सरकार ने ही चालू किया था। इन्होने कोई कानूनी लडाई लडने का सोचा ही नही !