success :दीपक को मिली राज्य पात्रता परीक्षा में सफलता… आसान हुई प्राध्यापक बनने की राह

:अरविंद मिश्रा:

बलौदाबाजार: कहा जाता है जब इरादे मजबूत हो तो किसी भी प्रकार का अभाव एक चुनौती के रूप में सामने आता है और एक सफलता के रूप में परिणत हो जाता है। क्योकिं कोई भी व्यक्ति साधन से बड़ा नही होता बल्कि,साधना से बड़ा होता है। इस बात को प्रमाणित किया है पलारी अंचल के युवा दीपक कुमार तिवारी ने। इन्होंने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक पद की पात्रता के लिए पिछले साल जुलाई में हुई राज्य पात्रता परीक्षा में सफलता हासिल की है। इस वर्ष इस परीक्षा में लगभग एक लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिसमें उन्हें सफलता मिली है।

उल्लेखनीय है कि यह सफलता उन्होंने किसी कोचिंग के बिना ही पाई है,जो कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।  हिंदी साहित्य जैसे गंभीर विषय में प्रतियोगिता भी सबसे ज्यादा है,ऐसे में सफलता मिलना और भी कठिन हो जाता है। पर दीपक ने सुव्यवस्थित अध्ययन के दम पर इस प्रतियोगिता को जीता। बातचीत में उन्होंने बताया कि बचपन से ही हिंदी साहित्य और कविता में रुचि होने के कारण मैनें इसे अपने विषय के रूप में चुना। लोगों ने कई बार हिंदी को सामान्य विषय बताकर  उपेक्षा भी की,पर अंततः हिंदी के प्रति आत्मसम्मान ने मुझे बल दिया। रोज 5 से 6 घंटे की पढाई से यह साधना पूरी हो सकी।

 

दीपक इन दिनों पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से हिंदी में शोध कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा एक प्रखर वक्ता ,साहित्यकार और समाज सेवा करने वाले के रूप में दीपक इन दिनों सक्रिय हैं। साथ ही आकाशवाणी में युवा वाणी कार्यक्रम भी संचालित करते है उनकी इस सफलता पर ममता तिवारी, दीप्ति, दीपांशु, समीर, पंकज, विकास, आशीष इत्यादि मित्रों और परिवार जनों में हर्ष का माहौल है। दीपक ने इस सफलता को अकेले की सफलता न मानते हुए सभी मित्रो और परिवार जनों की सफलता बताया है।