चांदी और सोने के दामों में जोरदार उछाल, निवेशकों को मिला शानदार रिटर्न

दिल्ली। घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतों ने बीते दिनों लगातार नई ऊंचाइयों को छुआ है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 19 दिसंबर को जहां एक किलो चांदी का भाव 2,00,336 रुपये था, वहीं 26 दिसंबर तक यह बढ़कर 2,28,107 रुपये प्रति किलो पहुंच गया। इस तरह महज एक सप्ताह में चांदी 27,771 रुपये महंगी हो गई। लगातार चार कारोबारी सत्रों तक चांदी रिकॉर्ड स्तर पर बनी रही और अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को 9,124 रुपये की मजबूती के साथ बंद हुई।

उधर, सोने की कीमतों में भी तेजी का सिलसिला जारी रहा। 19 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,31,779 रुपये में उपलब्ध था, जो 26 दिसंबर को बढ़कर 1,37,956 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। यानी इस दौरान सोने के दाम में 6,177 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मौजूदा स्तर को सोने का अब तक का सबसे ऊंचा भाव माना जा रहा है।

2024 में निवेशकों को मिला जबरदस्त फायदा
इस साल सोना और चांदी दोनों ही निवेश के लिहाज से बेहद फायदेमंद साबित हुए हैं। वर्ष 2024 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1,37,956 रुपये हो गई है। इस तरह सोने में अब तक 61,794 रुपये या लगभग 81.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

वहीं चांदी ने तो निवेशकों को और भी ज्यादा रिटर्न दिया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी 86,017 रुपये में मिल रही थी, जो अब 2,28,107 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। यानी चांदी की कीमत में 1,42,090 रुपये या करीब 165.18 प्रतिशत का उछाल आया है।

शहरों में अलग-अलग क्यों होते हैं सोने-चांदी के दाम
IBJA की ओर से जारी किए जाने वाले सोने और चांदी के रेट्स में 3 प्रतिशत जीएसटी, मेकिंग चार्ज और ज्वैलर का मुनाफा शामिल नहीं होता। इसी वजह से अलग-अलग शहरों और दुकानों में कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिलता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय करने में भी इन्हीं दरों को आधार बनाता है। इसके अलावा कई बैंक गोल्ड लोन की वैल्यू तय करने के लिए भी IBJA रेट्स का इस्तेमाल करते हैं।

सोने की कीमतों में तेजी के 3 बड़े कारण
पहला कारण डॉलर की कमजोरी है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं से डॉलर कमजोर हुआ, जिससे सोने की मांग बढ़ी। दूसरा, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव। रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय तनावों के चलते निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प माना। तीसरा, सेंट्रल बैंकों की बढ़ती खरीद। चीन सहित कई देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे मांग और कीमतों में इजाफा हुआ।

चांदी की कीमत बढ़ने के 3 कारण
पहला, औद्योगिक मांग में तेजी। सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में चांदी के इस्तेमाल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दूसरा, वैश्विक स्तर पर सप्लाई की कमी। अमेरिका समेत कई देशों द्वारा चांदी का भंडारण बढ़ाए जाने से बाजार में उपलब्धता घट गई है। तीसरा, आगे भी तेजी की उम्मीद। उत्पादन को लेकर चिंताओं और बढ़ती मांग के चलते निवेशक पहले से ही चांदी में निवेश कर रहे हैं।

सोना खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
सोना हमेशा BIS हॉलमार्क वाला ही खरीदें। हॉलमार्क पर मौजूद अल्फान्यूमेरिक कोड सोने की शुद्धता की जानकारी देता है। खरीदारी से पहले सोने की कीमत जरूर जांच लें और IBJA जैसी आधिकारिक वेबसाइट से 24, 22 या 18 कैरेट सोने के ताजा रेट्स का मिलान करें।

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