Strike of teachers-शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित

Strike of teachers

शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात के बाद बनेगी आगे की रणनीति

 शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक में फैसला

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार शिक्षकों ने 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था, लेकिन अब शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक में 31 जुलाई को होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों के सभी संघों को मिलाकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाने के बाद 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया गया था लेकिन इस बीच स्कूल शिक्षा मंत्री बदल गए। प्रेमसाय सिंह टेकाम की जगह मंत्री रविन्द्र चौबे को स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। इसलिए अपनी मांगों को लेकर शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

प्रदेश के शिक्षक पूर्व सेवा की गणना कर सही वेतन निर्धारण करते हुए सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने पुरानी पेंशन प्रदान करने और कुल 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पुरानी पेंशन देने संबंधित मागों को लेकर एलबी संवर्ग के शिक्षक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए सभी जिला में शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी हड़ताल की सूचना दे चुके हैं। संविलियन के बाद नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना नहीं किया गया है।

सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर नहीं किया गया। वेतन निर्धारण की विसंगतियों को दूर नहीं किया गया। जन घोषणा पत्र में किए वादा के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान नहीं भी दिया गया है। पुरानी पेंशन का लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से नहीं दिया गया और केंद्र सरकार की तरह 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन का लाभ भी नहीं दिया गया है। इसके कारण शिक्षक एलबी संवर्ग में आक्रोश है।

प्रदेश में शिक्षक एलबी संवर्ग जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार से ज्यादा हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा, शालेय शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, नवीन शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष विकास राजपूत, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष केदार जैन की 5 जुलाई को राजधानी रायपुर में एकता बैठक की गई। इसमें एलबी संवर्ग के शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए और सरकार की ओर से मांगों पर ध्यान नहीं देने के कारण शासन के विरोध में एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सभी संघों की ओर से सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है।

 

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