रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस वर्ष जनवरी से दिसंबर तक की अवधि में 24 प्रदूषणकारी उद्योगों की बिजली काटने और उत्पादन बंद करने की कार्रवाई की गई है, जबकि 23 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा बिना तारपोलिन के कच्चा माल, उत्पाद या ठोस अपशिष्ट का परिवहन करने वाले 47 उद्योगों और संस्थानों पर 21 लाख 81 हजार 574 रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित की गई है। कचरा जलाने और ईंट भट्ठों के संचालन पर भी कार्रवाई की गई है।
पर्यावरण संरक्षण मंडल के अनुसार जनवरी 2025 से नवंबर 2025 के बीच रायपुर के औद्योगिक क्षेत्र उरला, सिलतरा, बीरगांव, सरोरा सहित आसपास के क्षेत्रों में स्थापित उल्लंघनकारी उद्योगों के विरुद्ध वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 तथा जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 के तहत कार्रवाई की गई। इस दौरान 23 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए और 24 उद्योगों के खिलाफ उत्पादन बंद करने या विद्युत विच्छेदन के आदेश दिए गए। साथ ही 27 उद्योगों पर 57 लाख 80 हजार 125 रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि अधिरोपित की गई है। इसी क्रम में इस माह की 16 तारीख तक 4 उद्योगों को नोटिस, 1 उद्योग को उत्पादन बंद या बिजली विच्छेदन के निर्देश तथा 2 उद्योगों पर 2 लाख 55 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि लगाई गई है।
घरेलू कचरा जलाने और ईंट भट्ठों पर भी सख्ती
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने घरेलू कचरे को खुले में जलाने के मामलों में डीपराडीह सरोना, कबीर नगर सेलिब्रिटी होम्स सोसायटी के पास और महोबा बाजार रेलवे ब्रिज के समीप जुर्माने की कार्रवाई की है। सड़क डिवाइडर और डिवाइडर वॉल से गिरने वाली धूल के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नियमित साफ-सफाई, जल छिड़काव और स्वीपिंग सुनिश्चित करने को लेकर नगर निगम रायपुर को पत्र भेजा गया है।
इसके साथ ही नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सरोरा, लोहा बाजार हीरापुर, सोनडोंगरी, सड्डू, आमासिवनी और आसपास के रिहायशी इलाकों में संचालित परंपरागत बंगला भट्ठा, हाथ भट्ठा और पंजा भट्ठा जैसे बिना चिमनी वाले ईंट भट्ठों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई के लिए नगर निगम रायपुर, बीरगांव तथा उप संचालक खनिज विभाग रायपुर को पत्र प्रेषित किया गया है।