सड़को पर आवारा मवेशी… सर्वोच्च न्यायालय ने फिर दिया गंभीर आदेश

दुकानो व घरों में ये मवेशी न आएं इस हेतु अनेक उपाय किये जा रहे है। आंगनों में गोबर व मूत्र त्याग से सफाई करते करते नगरबासी परेशान हो गए हैं । वही नगर के बाहर फोरलेन सड़को के साथ ही नगर के गौरवपथ , विभिन्न मार्गों व वार्डो में आवारा मवेशियों को रात दिन घूमते देखा जा सकता है । खुले रूप से घूम रहे ये मवेशी दुकानदारों व वाहन चालको को नुकसान तो पहुंच ही रहे है तो वही दुर्घटनाओ का एक बड़ा कारण सड़क में बैठे इन मवेशियों के कारण भी दुर्घटनाएं हो रही है ।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में भी व अभी कुछ दिनों पूर्व ही पुनः सड़को से इन मवेशियो को हटाने का आदेश दिया गया है किंतु सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश को पालन करने में सरकारें , नगरीय निकाय व सम्बंधित अधिकारी नकारा साबित हो रहे हैं । सरकार ऐसी कोई योजना नही बना रही है जिससे इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकल सके ।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सड़को व राजमार्गो में घूमने वाले आवारा मवेशियों की वजह से होने वाली गंभीर दुर्घटनाओ को रोके जाने हेतु सरकारों व अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि इन्हें सड़को व राजमार्गो से दूर रखें । ताकि दुर्घटनाओ को रोका जा सके ।

राज्य सरकार द्वारा सभी कलेक्टरों व कलेक्टर द्वारा सभी नगरीय निकायों व जनपद पंचायतों को आदेश के परिपालन में कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश जारी किया गया था । किन्तु इसके बावजूद सम्बंधित नगरीय निकायों व जनपदों द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही की गई । कलेक्टर द्वारा साप्ताहिक बैठकों में कार्यवाही किये जाने का निर्देश देकर आगे भूल जाते थे कि क्या कार्यवाही की गई । लगातार जब मीडिया में आवाज उठाई गई तब जाकर सरायपाली नगरपालिका द्वारा 4-5 दिनों तक मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस में डाला गया । 2 – 3 मवेशी मालिको पर भी जुर्माना लगाया गया उसके बाद किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही किये जाने से नगर में फिर आवारा मवेशियों का जमावाड़ा होने लगा है ।

अब ये आवारा मवेशी मुख्य सड़कों के साथ ही दुकानो व घरों के आंगन व परछियो में झुंड में डेरा डालने लग गए है । दुकानो व घरों के सामने गोबर व मल मूत्र त्यागने से इनकी सफाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । इनसे बचाव के लिए अब दुकानदारों व घर मालिको द्वारा आंगनों को रस्सी बांधकर घेरा जा रहा है तो कुछ लोग इन मवेशियों के बैठने के स्थान पर पत्थर वैगरह रखा जा रहा है । इन्हें रोकने विभिन्न उपाय किये जा रहे हैं ।


आवारा मवेशियों को मुख्य सड़कों व राजमार्गो में आने से रोकने हेतु सुप्रीम कोर्ट जैसी सर्वोच्च संस्था द्वारा एक नही 2 – 2 बार आदेश व निर्देश दिए जाने के बाद इसका कोई स्थायी समस्या का समाधान नही निकल पा रहा है । सर्वोच्च न्यायालय आदेश व निर्देश तो जारी कर देती है पर इसका क्रियान्वयन हो रहा है या नही इसे वयः संज्ञान में नही लेती । जिसकी वजह से ऐसे आदेशो व निर्देशो का पालन नही हो पाता ।

ऐसे प्रकरणों में कोर्ट को एक हेल्पलाइन नम्बर अपने अधीनस्थ जारी करना चाहिए ताकि उस नम्बर पर आम जनता आदेश के पालन किस तरह हो रहा है उसकी जानकारी फोटो व वीडियो के माध्यम से दे सके व शिकायत दर्ज कर सके । किंतु उस तरह की सुविधा के अभाव में सुप्रीम कोर्ट तक जानकारी नही पहुंच पाने के कारण वास्तविकता की जानकारी कोर्ट तक नही पहुंच पाती ।
नगरवासियो व व्यवसायियों ने स्थानीय व नगरपालिका प्रशासन से अनुरोध किया है कि आवारा मवेशियों से हो रही परेशानियों को देखते हुवे तत्काल आवारा मवेशियों को हटाने व सम्बंधित मवेशी मालिको ओर भी आवश्यक कार्यवाही की जाये ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *